Dalit Hari Om Murder Case : रायबरेली के रहने वाले हरिओम वाल्मीकी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और इसके बाद देश में सियासत गरमा गई. इसी राहुल पीड़ित के परिजनों से राहुल गांधी ने मुलाकात की.
Dalit Hari Om Murder Case : लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शुक्रवार को हरिओम वाल्मीकी (Hariom Valmiki) के परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने परिजनों से दुख सुना और उत्तर प्रदेश की आलोचना करते हुए कहा कि योगी सरकार में दलितों का उत्पीड़न चरम पर है. कांग्रेस नेता ने फतेहपुर जिले में परिजनों के साथ करीब 25 मिनट बिताए. इस दौरान उन्होंने हरिओम के पिता गंगादीन, भाई शिवम और बहन कुसुम से बात की और संवेदना और समर्थन व्यक्त किया. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों का भी हवाला दिया, जो दर्शाते हैं कि दलित उत्पीड़न के मामलों में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है.
राहुल से परिजनों अपना दुख साझा
मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने फतेहपुर में हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की और दुख साझा किया. बीते दिनों पहले दलित हरिओम के बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. कांग्रेस ने कहा कि उनका परिवार बहुत पीड़ा में है और न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है. पार्टी ने कहा कि हरिओम के साथ जो हुआ वह इस देश के संविधान के विरुद्ध सबसे गंभीर अपराध है और इन मानसिकता के पीछे काम करने वाली विचारधारा समाज पर कलंक है. उन्होंने कहा कि हम इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे. यह देश बाबा साहेब के संविधान से चलेगा, न कि मनुवाद से. कांग्रेस ने बैठक की तस्वीरों को शेयर कते हुए हिंदी में लिखा कि राहुल गांधी उम्मीद और भरोसे का नाम है.
पीड़ित के भाई ने किया ये दावा
वहीं, प्रतिपक्ष नेता के दौरे से कुछ घंटे पहले पीड़ित के भाई शिवम वाल्मीकि ने कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया जिसमें परिवार ने कहा कि गांधी को इस दौरे का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं करना चाहिए. शिवम को एक वीडियो में यह कहते हुए भी देखा गया कि हम सरकार से संतुष्ट हैं और हमें यहां पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने दावा किया कि यह वीडियो BJP द्वारा दबाव बनाने और स्थिति का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की है. उनके दौरे से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और वाल्मीकि के घर की ओर जाने वाली गली में बैरिकेडिंग कर दी गई थी. बता दें कि 2 अक्टूबर की रात करीब 1 बजे जागरण के दौरान ग्रामीणों ने वाल्मीकि को चोर समझकर कथित तौर पर पीट-पीटकर मारा डाला था. यह अफवाह थी कि एक गिरोह चोरी के लिए घरों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है.
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