Mumbai Municipal Corporation Elections : मुंबई नगर निगम चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दलों ने तैयारियों शुरू कर दी हैं और कहा कि इस बार विकास को मुद्दा बनाकर लड़ाई लड़ी जाएगी.
Mumbai Municipal Corporation Elections : आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव के लिए सत्तारूढ़ और विपक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी और आरोप-प्रत्यरोप भी शुरू कर दिया है. इसी बीच मुंबई BJP उपाध्यक्ष रवि राज ने गुरुवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन विकास पर ध्यान केंद्रित करने के कारण शहर के निकाय चुनाव में भारी सीटों से जीत हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का प्रभाव काफी कम हो गया है और वह एक क्षेत्रीय खिलाड़ी से ज्यादा भूमिका अदा नहीं कर पाएगी. बता दें कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में विपक्ष के पूर्व नेता राजा 40 वर्ष से अधिक वर्ष बिताने के बाद 2024 में BJP में शामिल हो गए.
परियोजनाएं लागू की गई
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए BJP नेता ने कभी अलग रहे ठाकरे चचेरे भाई (राज और उद्धव) साथ आने के बाद भी महायुति के सामने टिक नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि मुंबई में विकास के प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा और मुंबई में अब विकास साफ दिखाई दे रहा है. साथ ही महायुति सरकार के नेतृत्व में मुंबई में बड़ी परियोजनाएं क्रियान्वित की गईं और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस बार महायुति मुंबई नगर निगम में बहुमत हासिल करेगी. इसके अलावा उन्होंने धारावी के पुनर्विकास के बारे में बात करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने दशकों तक मुंबई में फैली झुग्गी बस्तियों और उसके निवासियों की अनदेखी की.
झांसे में नहीं आने वाले मतदाता
कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) ने मिलकर करीब 15 साल (1999-2014) तक राज्य पर शासन किया. लेकिन तब विकास क्यों नहीं किया गया? अगर आप पिछले 50 सालों में धारावी के विधायकों और सांसदों को देखें तो सभी एक पार्टी से हैं, लेकिन इसके बाद भी विकास की कोई लहर नहीं आई. BJP नेता ने आरोप लगाया कि मौजूदा कांग्रेस विधायक धारावी का पुनर्विकास नहीं चाहते, नहीं तो बीते 15 सालों में बस्ती का पुनर्विकास हो गया होता. राजा ने कहाकि अब महायुति सरकार धारावी का पुनर्विकास कर रही है और लोगों की मांगे पूरी कर रही है तो कांग्रेस का पेट दर्द हो रहा है. साथ ही जब शिवसेना (यूबीटी) के नेतृत्व वाली सरकार थी उस वक्त धारावी के पुनर्विकास के लिए निविदाएं जारी की गई थीं. साथ ही जब उनसे मराठी-गैर मराठी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल मराठी वोटों पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन ऐसे मतदाता उनके झांसे में आने वाले नहीं हैं.
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