SIR in UP: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बूथ स्तर के अधिकारियों से अव्यावहारिक कार्य लिया जा रहा है.
SIR in UP: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बूथ स्तर के अधिकारियों से अव्यावहारिक कार्य लिया जा रहा है. SIR का लक्ष्य देकर BLO को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण सत्तारूढ़ पार्टी के बड़े चुनावी हेरफेर का हिस्सा है. सपा अध्यक्ष यादव ने कहा कि बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को परेशान किया जा रहा है और उन्हें अत्यधिक मानसिक तनाव में धकेला जा रहा है. उन्होंने इस व्यवहार को अत्यधिक निंदनीय और आपत्तिजनक बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने न तो नई नौकरियां पैदा कीं और न ही मौजूदा लोगों की रक्षा की. इसके बजाय लोगों पर असंभव काम का बोझ डाल रही है, जिससे कर्मचारी हताश होकर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.
बीएलओ भुगत रहे परिणाम
उन्होंने आगे दावा किया कि भाजपा अपने चुनावी महाघोटाले को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है, जबकि बीएलओ इसके परिणाम भुगत रहे हैं. कुछ तो अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए बीएलओ को अव्यावहारिक लक्ष्य देकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है. यह सत्तारूढ़ पार्टी की व्यापक चुनावी हेराफेरी का एक हिस्सा है. उन्होंने अधिकारियों और उनके परिवारों से एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील की और उनसे ऐसा कोई कदम नहीं उठाने का आग्रह किया जिससे उनके परिवारों को नुकसान पहुंचे. उन्होंने कहा कि हम हर बीएलओ के साथ मजबूती से खड़े हैं.
वोटर लिस्ट से करोड़ों नाम काटे जाने का आरोप
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि व्यवस्थागत विफलताओं से उत्पन्न गलतियों के लिए बीएलओ को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मौत भाजपा सरकार और चुनाव आयोग की कमियों के कारण हो रही है. भाजपा पर एसआईआर प्रक्रिया को जटिल बनाकर मतदान के अधिकार को समाप्त करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मतदाता सूचियों से करोड़ों नाम हटाए जा सकते हैं. समाजवादी पार्टी प्रमुख यादव ने कहा कि भाजपा जनता के गुस्से से डरी हुई है और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) इसका राजनीतिक अंत सुनिश्चित करेगा. मृतक बीएलओ के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग दोहराते हुए उन्होंने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी उनके आश्रितों को 2 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी.
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