Home Top News करोड़ों की भीख मांगने के बाद भी नहीं बदली कंगाल पाक की किस्मत, जानिए कितनी गिरी इकोनॉमी

करोड़ों की भीख मांगने के बाद भी नहीं बदली कंगाल पाक की किस्मत, जानिए कितनी गिरी इकोनॉमी

by Jiya Kaushik
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Pakistan Economy Crash: जब तक खुद देश के अंदर अच्छी नीतियां नहीं बनेंगी, निवेश का माहौल नहीं सुधरेगा, तब तक कोई भी बेलआउट पैकेज या कर्ज उसे गरीबी से बाहर नहीं..

Pakistan Economy Crash: पाकिस्तान चाहे दुनिया से जितना मर्जी कर्ज ले ले पर अब इसकी गिरती इकोनॉमी को केवल बाहरी मदद का सहारा नहीं बचा सकता. जब तक खुद देश के अंदर अच्छी नीतियां नहीं बनेंगी, निवेश का माहौल नहीं सुधरेगा, तब तक कोई भी बेलआउट पैकेज या कर्ज उसे गरीबी से बाहर नहीं निकाल सकता.

Pakistan Economy Crash: भारत-पाक के तनाव के बीच, पाकिस्तान ने IMF से 2.4 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज लिया था, लेकिन इसके बावजूद भी उसकी आर्थिक हालत में कोई खास सुधार नहीं देखने को मिला। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जिस स्पीड से गिरावट की ओर बढ़ रही है उससे पाक के कंगाल होने का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं. इस गिरती अर्थव्यवस्था के पीछे कई कारण है. आइए जानते हैं वो तीन बड़े पहलू, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सुधारने में सबसे बड़ी रुकावट बन रहे हैं.

लगातार गिरता निवेश

पाकिस्तान में निवेश का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है. बचत दर और उत्पादन क्षमता दोनों ही बेहद कम हैं. पहले जहां पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय कई एशियाई देशों से बेहतर थी, वहीं अब उसका जीवन स्तर लगातार गिरता जा रहा है. बेरोजगारी और गरीबी में इजाफा हुआ है .ऐसे माहौल में विदेशी निवेशक भी पाकिस्तान में पैसा लगाने से पीछे हट रहे हैं। इसके कारण देश की विकास दर पर सीधा असर पड़ रहा है.

कमजोर फाइनेंसियल प्लानिंग

पाकिस्तान की वित्तीय नीतियां न तो स्थिर हैं और न ही दीर्घकालिक सुधारों पर आधारित. बार-बार आर्थिक मंदी और गलत फैसलों की वजह से देश को बार-बार IMF जैसी एजेंसियों की मदद लेनी पड़ती है. टैक्स छूट, सब्सिडी और कर्ज की भरमार ने अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर दिया है. देश में उत्पादन घटा है लेकिन घरेलू मांग बढ़ती जा रही है, जिससे महंगाई और भंडार में गिरावट देखने को मिल रही है.

Pakistan Poor financial planning

ग्लोबल ट्रेड में पिछड़ापन

तेजी से बढ़ती आबादी पाकिस्तान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गई है. स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव है. सरकार के पास संसाधन सीमित हैं और इनका सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। इसके अलावा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी लगातार पिछड़ता जा रहा है. निर्यात में तेजी की बजाय गिरावट देखी गई है और व्यापार संबंधी कई पाबंदियों की वजह से देश की ग्लोबल इमेज पर भी असर पड़ा है.

यह भी पढ़ें: India-Pak: भारत से बदला लेने के चक्कर में कंगाल हुआ पाकिस्तान, हुआ इतने करोड़ का घाटा?

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