Bastar IED Blast: ये ब्लास्ट कोंटा-एर्राबोरा रास्ते पर डोंड्रा के पास हुआ. जब सुरक्षाबलों की पूरी टीम यहां से गुजर रही थी, तभी अचानक जोरदार आईईडी धमाका हुआ.
Bastar IED Blast: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बड़ी नक्सलवादी घटना को अंजाम दिया गया है. जहां सुरक्षाबलों की एक टीम कम्यून करते समय आईईडी की चपेट में आ गई. जिसके बाद ब्लास्ट में एडिसनल एसपी समेत कई जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए. घटना के बाद घायलों को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया. जहां पर एडिशनल एसपी जो सबसे ज्यादा खराब हालत में थे उनको मृत घोषित कर दिया.
ब्लास्ट कोंटा-एर्राबोरा रास्ते पर डोंड्रा के पास हुआ
गौर करने वाली बात है कि ये ब्लास्ट कोंटा-एर्राबोरा रास्ते पर डोंड्रा के पास हुआ. जब सुरक्षाबलों की पूरी टीम यहां से गुजर रही थी, तभी अचानक जोरदार आईईडी धमाका हुआ. जिसमें कोंटा संभाग के एएसपी आकाश राव गिरिपंजे गंभीर रूप से जख्मी हो गए. उनके साथ अन्य अधिकारी और जवान भी चोटिल हो गए. ये घटना तब हुई जब भारत बंद के आह्वान को देखते हुए किसी भी तरह की नक्सली घटना को होने से रोका जा सके, इसके लिए एएसपी आकाश राव गिरिपंजे क्षेत्र में पैदल गश्त तैनाती पर थे. उसी वक्त ये ब्लास्ट हुआ और इसमें कई जवान घायल हो गए.
क्यों है छत्तीसगढ़ में इतना नक्सलवाद
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का प्रकोप कई सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक कारणों से है. राज्य के घने जंगल और पहाड़ी क्षेत्र, विशेष रूप से बस्तर और दंतेवाड़ा जैसे इलाके, नक्सलियों के लिए छिपने और गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आदर्श ठिकाने प्रदान करते हैं, जिससे सुरक्षा बलों के लिए ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण हो जाता है. आदिवासी समुदायों में गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, और भूमि अधिग्रहण के कारण विस्थापन ने असंतोष को बढ़ावा दिया है, जिसका नक्सली फायदा उठाकर स्थानीय समर्थन हासिल करते हैं. इसके अलावा, खनन और विकास परियोजनाओं के लिए आदिवासियों की जमीन का दोहन और अपर्याप्त मुआवजा भी नाराजगी का कारण है, जो नक्सलवाद को बढ़ावा देता है.
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