Hassan Lok Sabha seat: हसन लोकसभा सीट पर देवेगोड़ा परिवार का वर्चस्व रहा है. देश के पहले कन्नड़ प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने पांच बार यहां से चुनाव जीता था.
14 April, 2024
Hassan Lok Sabha seat: कर्नाटक के हसन लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें से चार पर जेडीएस का, दो पर भाजपा और कांग्रेस का कब्जा है. हसन लोकसभा सीट पर देवेगोड़ा परिवार का वर्चस्व रहा है. देश के पहले कन्नड़ प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने पांच बार यहां से चुनाव जीता था. एच.डी. देवेगोड़ा के पोते और मौजूदा सांसद प्रज्वल रेवन्ना इस सीट से एनडीए के उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस ने दिवंगत नेता जी. पुट्टास्वामी गोड़ा के पोते श्रेयस एम. पटेल को मैदान में उतारा है.
एच.डी. देवेगौड़ा को पहली बार हराया था
जी. पुट्टास्वामी गौड़ा ने 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा को पहली बार हराया था. अब 2024 के रण में दो राजनीतिक परिवारों की तीसरी पीढ़ी के सदस्य जीत के लिए मुकाबला कर रहे हैं और दोनों ही उम्मीदवार विकास, शिक्षा सहित बुनियादी मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा के उम्मीदवार प्रज्वल को अपने दादा के गढ़ में मजबूत दावेदारी बता रहे हैं और उन्हें पीएम मोदी की लोकप्रियता पर भी भरोसा है.
ये विफलता की गारंटी है
प्रज्वल रेवन्ना ने कहा कि कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. मैं पिछली बार से बेहतर बढ़त ले सकता हूं. जब पांच गारंटी की बात आती है तो बहुत पहले ही खारिज हो चुकी हैं. लोग इसे खारिज कर रहे हैं. वे खुलेआम इसके बारे में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ये विफलता की गारंटी है और हम इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं और हम निश्चित रूप से भारत के चुनाव में जाएंगे, वो नरेंद्र मोदी का चुनाव है.
कांग्रेस की गारंटी जीत की राह आसान बनाएगी
वहीं, हसन जिला पंचायत के पूर्व सदस्य और कांग्रेस के उम्मीदवार श्रेयस पटेल के बारे में कहा जाता है कि उन्हें विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर कांग्रेस ने टिकट दिया है. श्रेयस को उम्मीद है कि राज्य की कांग्रेस सरकार की गारंटी उनकी जीत की राह को आसान बनाएंगी. श्रेयस एम. पटेल ने कहा कि लोग स्वेच्छा से सीएम और डीसीएम के साथ हमारी सरकार की सभी पांच गारंटी, कांग्रेस को वोट देने के लिए जाग गए हैं. जिले में पिछले पांच वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ है.
भाजपा का गठबंधन अच्छा असर दिखा सकता है
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जेडीएस और भाजपा का गठबंधन अच्छा असर दिखा सकता है, लेकिन देवेगौड़ा परिवार के खिलाफ लहर इसके विपरीत रिजल्ट भी दे सकती है. दोनों ही उम्मीदवार अपने अपने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में मतदादाओं की भावनाएं भी मिलीजुली हैं. हालांकि कुछ लोग पीएम मोदी पर ज्यादा विश्वास दिखा रहे हैं, तो कुछ ने राज्य सरकार और उनकी गारंटी योजना के प्रति अपनी नाराजगी जताई है.
जानिए जनता का मूड
वहीं, जब लोगों से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता और उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट बिल और दूसरे बिलों को मंजूरी नहीं दी. उन्होंने बस यात्रा मुफ्त कर दी और बाकी चीजों के लिए कीमतें बढ़ा दीं. अगर जेडीएस आती है तो ये हमारे लिए अच्छा होगा. सबसे पहले हम चाहते हैं कि मोदी प्रधानमंत्री बनें. किसानों की भलाई के लिए जेडीएस को सत्ता में आना ही होगा. बता दें कि 2024 के आम चुनाव कर्नाटक में दो चरणों में होंगे और हसन लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होगी.
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