Rahul Gandhi News : चुनाव आयोग पर जब से विपक्ष वोट चोरी का आरोप लगा रहा है, तब से उसकी साख पर काफी असर पड़ा है. इसी बीच पूर्व चुनाव आयुक्त ने इलेक्शन कमीशन ने कहा कि विपक्ष को विश्वास में लेना सबसे ज्यादा जरूरी है.
Rahul Gandhi News : वोट चोरी का मुद्दा का दिल्ली से लेकर बिहार तक गरमाया हुआ है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सीधे तौर पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच चुनाव आयोग की भी कड़ी प्रतिक्रिया आई, जिस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी (SY Qureshi) ने रविवार को कहा कि इलेक्शन कमीशन को विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों की जांच का आदेश देना चाहिए, न की उन पर आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि आरोप लगाते समय कांग्रेस नेता द्वारा इस्तेमाल किए गए कई शब्द, जैसे हाईड्रोजन बम से तुलना करना राजनीतिक बयानबाजी थी, लेकिन उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए सवालों पर जांच होनी चाहिए.
वोट चोरी के आरोपों को EC ने किया है खारिज
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तरीके को लेकर चुनाव आयोग (EC) की आलोचना की और कहा कि यह न केवल भानुमति का पिटारा खोलना है बल्कि चुनाव आयोग ने भृंग के छत्ते में हाथ डाल दिया है. दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने अतीत में वोट चोरी के आरोप को पूरी तरह खारिज किया है. आयोग ने यह भी कहा कि बिहार में मतदाता सूची की SIR से अयोग्य लोगों, डुप्लिकेट प्रविष्टियों को मतदाता सूची से हटाया जाएगा तथा कानून के अनुसार मतदान के लिए पात्र लोगों को भी शामिल किया जाएगा. कुरैशी ने आगे कहा कि जब कभी मैं चुनाव आयोग की आलोचना सुनता हूं तो मैं भारतीय नागरिक के अलावा खुद भी इलेक्शन कमीशनर होने के नाते ऐसी बात सुनकर दुख होता है.
विपक्ष के लिए दरवाजे खुले रखें
कुरैशी ने कहा कि जब कभी मैं संस्था पर हमला होते या कमजोर होते देखता हूं, तो मुझे बहुत चिंता होती है. अब चुनाव आयोग को भी आत्मनिरीक्षण करने के साथ चिंतित होना होगा. यह उन पर निर्भर है कि वे उन सभी ताकतों और दबावों का सामना करें जो उनके फैसले को प्रभावित कर रहे हों. कुरैशी ने कहा कि इलेक्शन कमीशन को लोगों का विश्वास जीतना होगा और विपक्षी दलों को भी संतुष्ट करना होगा. उन्होंने बताया कि जब मैं चुनाव आयुक्त था तो वक्त विपक्षी पार्टियों को हमेशा प्राथमिकता देना काम किया, क्योंकि वे कमजोर हैं. कुरैशी ने आगे बताया कि सत्ताधारी दल को विपक्ष की तरह लाड़ प्यार की जरूरत नहीं होती, क्योंकि विपक्ष पहले ही सत्ता से बाहर है. साथ ही मेरे कर्मचारियों को आम तौर पर यही निर्देश दिया जाता था कि अगर वे (विपक्ष) मिलने का समय चाहते हैं तो दरवाजें खुले रखें.
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