Movies for Gandhi Jayanti: गांधी जयंती पर अगर आप भी उनकी विरासत को महसूस करना चाहते हैं, तो इन फिल्मों को ज़रूर देखें. ये फिल्में हमें याद दिलाती हैं कि गांधी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं.
02 October, 2025
Movies for Gandhi Jayanti: 2 अक्टूबर पर सिर्फ भाषण और परेड ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई शानदार फ़िल्में भी हमें याद दिलाती हैं कि महात्मा गांधी सिर्फ किताबों के पन्नों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक रास्ता हैं. हम सभी जानते हैं कि पूरा देश हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनाता है. स्कूलों में भाषण, दफ्तरों में छुट्टी और अख़बारों में बापू की तस्वीरें दिखना आम बात है. लेकिन सिनेमा ने बार-बार उनकी विचारधारा को नए रंगों में सजाकर हमारे सामने पेश किया है. कुछ फिल्में बापू की ज़िंदगी पर बनी हैं, तो कुछ उनकी सोच को आज की पीढ़ी तक पहुंचाती हैं.

गांधी
साल 1982 में रिलीज हुई रिचर्ड एटनबरो की ऑस्कर विनर फिल्म, जिसमें बेन किंग्सले ने गांधी का रोल निभाकर हर किसी को चौंका दिया था. साउथ अफ्रीका से लेकर भारत की आज़ादी तक, ये फिल्म गांधी जी के सफर को खूबसूरती से दिखाती है.

द मेकिंग ऑफ द महात्मा
श्याम बेनेगल की फिल्म द मेकिंग ऑफ द महात्मा साल 1996 में रिलीज हुई थी. इसमें गांधी के 21 सालों की जर्नी को दिखाया गया है. यहीं से मोहनदास से महात्मा बनने का सफर शुरू होता है. रजित कपूर का काम इस फिल्म को और यादगार बनाता है.

हे राम
कमल हासन, रानी मुखर्जी और शाहरुख खान की फिल्म हे राम साल 2000 में रिलीज हुई थी. हालांकि, ये फिल्म गांधी पर नहीं, बल्कि उनके मर्डर की कहानी है. फिल्म बताती है कि कैसे गांधी की सोच उनके विरोधियों को भी बदल देती थी.
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मैंने गांधी को नहीं मारा
मैंने गांधी को नहीं मारा साल 2005 में रिलीज हुई थी. ये फिल्म सीधे गांधी की जीवनी नहीं, बल्कि उनके विचारों के बेस्ड है. इस फिल्म में अनुपम खेर, उर्मिला मातोंडकर, रजित कपूर, बोमन ईरानी और वहीदा रहमान जैसे कलाकार लीड रोल में हैं.

लगे रहो मुन्ना भाई
राजकुमार हिरानी की कल्ट फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई साल 2006 में रिलीज हुई थी. ये फिल्म गांधी को मॉर्डन इडिया तक पहुंचाती है. ‘गांधीगिरी’ का कॉन्सेप्ट इसी फिल्म से निकला और लोगों ने इसे लाइफ में एक्सेप्ट भी किया. संजय दत्त, अरशद वारसी और विद्या बालन की ये फिल्म आज भी लोगों की फेवरेट लिस्ट में शामिल है.

गांधी, माई फादर
फेरोज़ अब्बास ख़ान की फिल्म गांधी, माई फादर में गांधी और उनके बेटे हरिलाल के रिश्ते को दिखाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि गांधी सिर्फ राष्ट्रपिता नहीं, बल्कि एक पिता भी हैं, जो अपने बेटे की उम्मीदों पर हमेशा खरे नहीं उतर पाए.
