JP Nadda on Health Sector: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने एम्स में कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है।
25 October, 2025
JP Nadda on Health Sector: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 50वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में पहुंचे. यहां उन्होंने भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास पर जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या हो या मेडिकल सीटों की, सभी में दोगुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है.
दोगुना से ज्यादा हुई मेडिकल क्षेत्र में वृद्धि
जेपी नड्डा ने शनिवार को एम्स में कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है. को संबोधित करते हुए, नड्डा ने कहा कि इसी तरह, स्नातक मेडिकल सीटों की संख्या 51,000 से बढ़कर 1.29 लाख और स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 31,000 से बढ़कर 78,000 हो गई है. उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 75,000 अतिरिक्त सीटें जुड़ने की उम्मीद है.
युवा डॉक्टरों से की अपील
स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातक छात्रों को बधाई दी और देश में चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा और रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने में एम्स के अद्वितीय योगदान की सराहना की. उन्होंने युवा डॉक्टरों से सहानुभूति के साथ लोगों की सेवा करने, नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और देश की उभरती स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवाचार का उपयोग करने का आह्वान किया.
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शिशु मृत्यु दर टीबी के मामलों में आई गिरावट
नड्डा ने यह भी बताया कि देश ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण (एसआरएस) के आंकड़ों के अनुसार, मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 130 से घटकर 88 और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 39 से घटकर 27 हो गई है. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) और नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में भी क्रमशः 42 प्रतिशत और 39 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है, जो वैश्विक औसत से अधिक है. नड्डा ने आगे बताया कि भारत में टीबी के मामलों में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. द लैंसेट रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट 8.3 प्रतिशत की वैश्विक दर से दोगुने से भी अधिक है.
आजीवन शिक्षार्थी बने रहे युवा- नड्डा
अपने संबोधन के समापन पर, स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातक छात्रों से शिक्षा और अनुसंधान में सक्रिय रूप से योगदान देने और अपने पेशेवर एवं नैतिक आचरण में उत्कृष्टता के माध्यम से एम्स की प्रतिष्ठित विरासत और ब्रांड को बनाए रखने का अनुरोध किया. उन्होंने उन्हें आजीवन शिक्षार्थी और नवप्रवर्तक बने रहने, चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने तथा समाज की करुणापूर्वक सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित किया.
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