Home मनोरंजन ‘The Taj Story’ फिल्म को मिली राहत, दिल्ली HC ने रिलीज के खिलाफ याचिका को किया खारिज

‘The Taj Story’ फिल्म को मिली राहत, दिल्ली HC ने रिलीज के खिलाफ याचिका को किया खारिज

by Live Times
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The Taj Story

The Taj Story: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बॉलीवुड फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

30 October, 2025

The Taj Story: बॉलीवुड फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ के मेकर्स के लिए खुशखबरी है. दिल्ली हाईकोर्टी ने इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अब फिल्म बिना किसी रुकावट के रिलीज हो सकती है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बॉलीवुड फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. यह फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.

क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं- कोर्ट

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में समीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है और यह याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती. पीठ ने पूछा, क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं? सिर्फ़ आपके कहने से क्या हम कोई आदेश पारित कर देंगे? इस पर, वकील ने तर्क दिया कि वह फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि यह स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं कि इसकी विषयवस्तु निश्चित इतिहास नहीं है. जवाब में पीठ ने कहा, याचिकाकर्ताओं के लिए सरकार से संपर्क करना ज्यादा उचित होगा. इस समय, याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष दबाव बनाने के लिए याचिका वापस लेने का अनुरोध करते हैं.”

याचिका में की गई ये मांग

याचिका में परेश रावल अभिनीत फिल्म के निर्माताओं को यह निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि वे सभी प्रचारों और क्रेडिट्स में एक प्रमुख अस्वीकरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें जिसमें कहा गया हो कि फिल्म एक विवादित कथा पर आधारित है और यह एक निश्चित ऐतिहासिक विवरण होने का दावा नहीं करती है. इसमें सभी राज्य एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि इस घटना से कोई सांप्रदायिक घटना न घटे. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह फिल्म पूरी तरह से मनगढ़ंत तथ्यों पर आधारित है और इसमें कास्टिंग/निर्माण/निर्देशन/लेखक द्वारा राजनीतिक प्रभाव हासिल करने के लिए एक विशेष प्रचार किया गया है और यह भारत में विभिन्न समुदायों के बीच सांप्रदायिक अशांति पैदा करने का एक कदम है जो जनहित का गंभीर उल्लंघन है.

फिल्म निर्माताओं का जवाब

फिल्म निर्देशक तुषार अमरीश गोयल ने कहा, फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ किसी कल्पना या अफवाह पर आधारित नहीं है, बल्कि छह महीने के गहन शोध और सत्यापित ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म के हर पहलू की गहन जांच की और उसके बाद ही इसे मंजूरी दी. गोयल ने आगे कहा, हमारा इरादा कभी किसी समुदाय के खिलाफ माहौल बनाने का नहीं था. हम बस एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे जो तथ्यों पर आधारित बहस और सोच को बढ़ावा दे. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, रचनात्मक स्वतंत्रता का समर्थन करने के लिए मैं न्यायालय का आभारी हूं. सिनेमा को सच्चाई, शोध और निडर कहानी कहने का माध्यम बना रहना चाहिए.

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