Home राज्यDelhi ‘यमुना में गंदे पानी के प्लांट का न होना…’ दिल्ली सरकार ने बताई नदी में प्रदूषण की मुख्य वजह

‘यमुना में गंदे पानी के प्लांट का न होना…’ दिल्ली सरकार ने बताई नदी में प्रदूषण की मुख्य वजह

by Sachin Kumar
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Yamuna News : यमुना की गंदगी को लेकर हर सरकार वादा करती है, लेकिन कई रिपोर्ट आने के बाद भी सवाल एक ही होता है कि ये साफ कब होगी. इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें गंदगी को लेकर नया दावा किया गया है.

Yamuna News : यमुना नदी पर हर बार रिसर्च कराई जाती है और उसमें कई सारी वजह भी सामने आई हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है. बीती केजरीवाल सरकार ने भी दिल्ली की जनता से वादा किया था कि वह यमुना की सफाई पर ध्यान देंगे और उन्हें सरकार चलाने के लिए पांच साल और दिए जाएं. इसी बीच जल शक्ति मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि बिना ट्रीट किया हुआ सीवेज, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की कमी, प्रोजेक्ट में देरी और सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग में बड़ी कमियों के कारण राष्ट्रीय राजधानी में यमुना प्रदूषित बनी हुई है. इसके अलावा मंत्रालय ने यह भी कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने नदी को साफ रखने की कोशिश के लिए तीन वित्तीय वर्ष में करीब 5,536 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

ट्रीटमेंट प्लांट की काफी कमी

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में जल शक्ति राज्य मंत्री भूषण चौधरी ने कहा कि अगस्त 2025 में दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट में  414 MLD का गैप था, कई मंज़ूर इंडस्ट्रियल एरिया में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की कमी थी और सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगातार देरी हो रही थी. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में रोज़ाना 11,862 टन सॉलिड वेस्ट निकलता है, लेकिन उसकी कैपेसिटी सिर्फ 7,641 टन ही ट्रीट करने की है, जिससे 4,221 टन का गैप रह जाता है. मंत्री ने यह भी बताया कि यमुना पल्ला से दिल्ली की तरफ आती है और यहां पर पानी क्वालिटी साल भर ऊपर-नीचे होती रहती है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, जनवरी और जुलाई 2025 के बीच मीडियन बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) और डिसॉल्व्ड ऑक्सीजन (DO) का लेवल 4 mg/l और 6 mg/l था.

DPCC ने काफी करीब आंकड़े

इसके अलावा सितंबर में DPCC के मूल्यांकन में बेहतर आंकड़े दिए गए हैं, जिसमें BOD 2.5 mg/l और DO 9.5 mg/l था. दोनों ही हेल्दी लिमिट के अंदर आते थे. मंत्री ने कहा कि नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) के बजट से मदद राज्यों की मदद कर रहा है. वहीं, नमामि गंगे प्रोग्राम के तहत यमुना को फिर से ठीक करने के लिए 6,534 करोड़ रुपये के 35 प्रोजेक्ट मंज़ूर किए गए हैं, जिनका लक्ष्य 2,243 MLD सीवेज ट्रीटमेंट कैपेसिटी बनाना है. साथ ही अभी तक कुल 21 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और अन्य का काम जारी है, जो आने वाले समय में पूरे कर लिए जाएंगे.

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