8th Pay Commission 2025: 8वां वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने में अभी थोड़ा वक्त है, लेकिन संकेत साफ हैं कि 2026 की शुरुआत से यह असर दिखा सकता है. अब सबकी नजरें सरकार की अंतिम मंजूरी और उस तारीख पर टिकी हैं, जब देशभर के सरकारी कर्मचारियों की जेब में बढ़ी हुई सैलरी पहुंचेगी.
8th Pay Commission 2025: देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर लंबे समय से जो इंतजार किया जा रहा था, अब वह धीरे-धीरे जमीन पर उतरता दिखाई दे रहा है. केंद्र सरकार की ओर से इस साल की शुरुआत में आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, और अब इसकी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है.
क्या है आठवां वेतन आयोग
वेतन आयोग का गठन भारत सरकार हर 10 साल में करती है ताकि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन को महंगाई व आर्थिक हालात के अनुसार समायोजित किया जा सके. अब तक सात वेतन आयोग लागू हो चुके हैं, और आठवां वेतन आयोग देश के करीब 44 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिति पर सीधा असर डालने वाला है.
कब से लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग
हालांकि आठवें वेतन आयोग का गठन हो चुका है, लेकिन इसकी रिपोर्ट अभी तैयार की जा रही है. खबरों के मुताबिक, आयोग की सिफारिशों को 2025 के अंत तक सरकार को सौंपे जाने की उम्मीद है. इसके बाद, यदि केंद्र सरकार समय पर मंजूरी देती है, तो 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है. कुछ रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि इसे वित्तीय वर्ष 2026-27 में पूरी तरह से लागू किया जा सकता है.

कितनी बढ़ सकती है सैलरी और पेंशन?
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 30 से 34 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है. इसका मतलब यह है कि लाखों कर्मचारियों को हर महीने ज्यादा वेतन मिलेगा और पेंशनभोगियों को भी अतिरिक्त राशि का लाभ मिलेगा. हालांकि इससे केंद्र सरकार पर सालाना लगभग 1.80 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है.
कैसे तय होता है वेतन में इजाफा
वेतन आयोग की सिफारिशें मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाती हैं. इसके साथ ही महंगाई दर, देश की आर्थिक स्थिति, कर्मचारियों की जरूरतें, और सरकार की वित्तीय स्थिति जैसे कारक भी ध्यान में रखे जाते हैं. आयोग द्वारा बोनस, भत्ते और अन्य सुविधाओं की भी समीक्षा की जाती है, जो कर्मचारियों को सैलरी के अतिरिक्त लाभ देती हैं.
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