Home Latest News & Updates Silver का गोल्डन टाइम, पहली बार चांदी की चमक ने तोड़े सारे रिकॉर्ड; जानें क्यों बनी इन्वेस्टर्स की पहली पसंद?

Silver का गोल्डन टाइम, पहली बार चांदी की चमक ने तोड़े सारे रिकॉर्ड; जानें क्यों बनी इन्वेस्टर्स की पहली पसंद?

by Preeti Pal
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Silver का गोल्डन टाइम, पहली बार चांदी की चमक ने तोड़े सारे रिकॉर्ड; जानें क्यों बनी इन्वेस्टर्स की पहली पसंद?

Silver Fresh Record: आज यानी गुरुवार को चांदी ने अपना नया रिकॉर्ड हाई लेवल टच कर लिया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिल्वर का गोल्डन टाइम चल रहा है.

18 December, 2025

Silver Fresh Record: दिल्ली के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड तेजी जारी रखते हुए गुरुवार को चांदी 1,800 रुपये से उछलकर अब तक के हाईएस्ट लेवल 2,07,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, बाजार में लगातार मजबूत खरीदारी और इन्वेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी ने इस व्हाइट मेटल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है.

जबरदस्त तेज़ी

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को भी चांदी ने जबरदस्त छलांग लगाई थी. उस दिन कीमतों में 7,300 रुपये की तेजी आई और पहली बार चांदी 2 लाख रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार कर 2,05,800 रुपये पर बंद हुई थी. बीते दो दिनों में आई इस तेजी ने बाजार में हलचल मचा दी है. वहीं, अगर पूरे साल की बात करें तो चांदी ने अपने इन्वेस्टर्स को चौंका देने वाला रिटर्न दिया है. 1 जनवरी, 2025 को जहां चांदी 90,500 रुपये प्रति किलो थी, वहीं अब ये 1,17,100 रुपये या करीब 129.4 फीसदी की छलांग लगाकर करंट लेवल पर पहुंच गई है. यानी जिन्होंने साल की शुरुआत में चांदी में इन्वेस्ट किया होगा, उनके लिए ये किसी बड़े फायदे से कम नहीं रहा.

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गोल्ड की चाल

वहीं दूसरी तरफ, सोने की कीमतों में फिलहाल स्टेबिलिटी देखने को मिली. दिल्ली के लोकल बाजार में 99.9 प्रतिशत प्योरिटी यानी 24K वाला सोना 1,36,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्टेब रहा. हालांकि, इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई . आज सोना 13.16 डॉलर टूटकर 4,325.02 डॉलर प्रति औंस पर आ गया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और राजनीतिक तनाव की वजह से सोने-चांदी दोनों की चमक तेज बनी हुई है. रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का कहना है कि, चांदी की कीमतों में इस साल आई जबरदस्त तेजी के पीछे सिर्फ इन्वेस्टमेंट ही नहीं, बल्कि इंडस्ट्रियल डिमांड भी एक बड़ी वजह है.

सिल्वर का दम

इंटरनेशनल मार्केट में भी चांदी ने दम दिखाया है. विदेशी बाजारों में चांदी हल्की गिरावट के साथ 66.04 डॉलर प्रति औंस पर रही. इससे पहले के सेशन में ये 66.88 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड लेवल तक पहुंच चुकी थी. इस साल की शुरुआत से अब तक इंटरनेशनल मार्केट में चांदी करीब 126 फीसदी चढ़ चुकी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहनों और डेटा सेंटर्स जैसे सेक्टर्स में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा, लगातार 5वें साल चांदी की सप्लाई में कमी बनी हुई है. यही ट्रेंड 2026 तक जारी रहने की उम्मीद है. ऐसे में चांदी की कीमतें आने वाले टाइम में भी हाई लेवल पर बनी रह सकती हैं.

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