Share Market: शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने वालों के लिए मंगलवार की सुबह कुछ खास नहीं रही. दूसरी तरफ डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिरता ही जा रहा है.
16 December, 2025
Share Market: मंगलवार की शुरुआत शेयर बाजार के लिए कुछ खास नहीं रही. फॉरेन इन्वेस्टर्स की लगातार बिकवाली और कमजोर ग्लोबल सिग्नल्स की वजह से भारतीय शेयर बाजार दबाव में नजर आया. शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में आ गए, जिससे इन्वेस्टर्स की चिंता बढ़ गई. BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 363.92 अंक गिरकर 84,849.44 पर आ गया. वहीं, NSE का निफ्टी 106.65 अंक टूटकर 25,920.65 के लेवल पर फिसल गया. बाजार की इस कमजोरी का असर कई बड़े शेयरों पर साफ दिखा.
संभलने की कोशिश
सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, इंफोसिस, टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और इटरनल जैसे शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली. हालांकि, कुछ शेयरों ने बाजार को संभालने की कोशिश भी की. भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाइटन जैसे शेयरों में शुरुआती बढ़त दर्ज की गई. एशियाई बाजारों का रुख भी कुछ ऐसा ही रहा. दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, चीन का शंघाई एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग, सभी में कमजोरी देखने को मिली. इससे पहले सोमवार को अमेरिकी बाजार भी नेगेटिव रुख के साथ ही बंद हुए थे, जिसका असर आज एशियाई और भारतीय बाजारों पर पड़ा.
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इन्वेस्टर्स की चिंता
इन्वेस्टर्स की चिंता की एक बड़ी वजह फॉरेन इन्वेस्टर्स (FII) की लगातार बिकवाली है. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को एफआईआई ने 1,468.32 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए. हालांकि, घरेलू इन्वेस्टर्स (DII) ने 1,792.25 करोड़ रुपये की खरीदारी करके बाजार को कुछ हद तक सहारा दिया. हालांकि, वॉल स्ट्रीट के इंडेक्स इकोनॉमिक डेटा, जैसे नॉन-फार्म पेरोल, रिटेल सेल्स और महंगाई के डेटा, से पहले गिरावट के साथ बंद हुए. इसके अलावा, इस हफ्ते बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति बैठक को लेकर भी एशियाई बाजारों में सतर्कता बनी हुई है.
रुपये की कमज़ोरी
रुपये की कमजोरी और एफआईआई की लगातार बिकवाली बाजार के लिए चुनौती बनी हुई है. हालांकि, घरेलू इन्वेस्टर्स और रिटेलर्स की मजबूत भागीदारी बाजार को बड़ी गिरावट से बचा रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल बाजार किसी बड़े ट्रेंड की बजाय अहम तकनीकी लेवल्स के आसपास ही घूमता नजर आ सकता है. इधर, कच्चे तेल की कीमतों में भी नरमी देखने को मिली. वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.54 फीसदी गिरकर 60.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो भारत जैसे इम्पोर्टर्स देश के लिए राहत की बात है.
सोमवार का हाल
सोमवार को भी बाजार में हल्की गिरावट दर्ज की गई थी. सेंसेक्स 54.30 अंक टूटकर 85,213.36 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 19.65 अंक गिरकर 26,027.30 पर बंद हुआ. यानी रुपये की चाल, फॉरेन इन्वेस्टर्स और एफआईआई की एक्टिविटी आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाती रहेंगी. इन्वेस्टर्स के लिए फिलहाल सतर्क रहने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की सलाह दी जा रही है.
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