Founding Father of Subject in India: ये महान वैज्ञानिक और विचारक न केवल अपने विषयों के जनक हैं, बल्कि भारत के बौद्धिक विकास की पहचान भी हैं. इनका योगदान हर विद्यार्थी और शोधकर्ता के लिए प्रेरणास्त्रोत है.
Founding Father of Subject in India: भारत के इतिहास में कुछ महान व्यक्तित्व ऐसे रहे हैं जिन्होंने विज्ञान, गणित, रसायन, खगोलशास्त्र जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई. इन विभूतियों को हम किसी विशेष विषय का “भारतीय जनक” कहते हैं, क्योंकि इन्होंने उस क्षेत्र में नई सोच, शोध और प्रयोग की नींव रखी.
भारत की ज्ञान परंपरा हजारों वर्षों पुरानी है, और इस यात्रा को आकार देने में कई महान व्यक्तित्वों की भूमिका रही है. इन विभूतियों ने अलग-अलग विषयों की नींव रखी, शोध और खोजों के माध्यम से उन्हें आगे बढ़ाया, और देश को उस दिशा में मोड़ा जहाँ शिक्षा, विज्ञान और शोध की महत्ता सर्वोपरि हो गई. आइए जानें उन दस महान भारतीयों के बारे में जिन्हें उनके-अपने क्षेत्र का “भारतीय जनक” कहा जाता है.
Biology – जगदीश चंद्र बोस

सर जगदीश चंद्र बोस ने यह साबित करके दुनियाभर में प्रसिद्धि पाई कि पेड़-पौधों में भी जीवन और संवेदना होती है. उनके यंत्र ‘क्रेस्कोग्राफ’ ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया था. उनका काम न केवल भारतीय जीवविज्ञान की नींव बना, बल्कि विज्ञान के प्रति लोगों की सोच भी बदल दी.
Chemistry – प्रफुल्ल चंद्र रे

प्रोफेसर प्रफुल्ल चंद्र रे को भारत में आधुनिक रसायन विज्ञान का जनक माना जाता है. उन्होंने बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स की स्थापना की और नाइट्राइट्स पर महत्त्वपूर्ण शोध किया. वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे और विज्ञान को स्वदेशी आंदोलन से जोड़ने का कार्य भी किया.
Mathematics – आर्यभट्ट

प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने शून्य, π (पाई) और दशमलव प्रणाली की अवधारणा दी. उनकी रचना ‘आर्यभट्टीयम्’ आज भी गणित और खगोलशास्त्र के लिए मील का पत्थर मानी जाती है. वे भारत की वैज्ञानिक सोच के आद्य प्रवर्तक हैं.
Physics – सी.वी. रमन

सी.वी. रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की, जिससे यह सिद्ध हुआ कि जब प्रकाश किसी वस्तु से गुजरता है तो उसका कुछ हिस्सा बिखरता है. इस अद्वितीय खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला. उन्होंने भारत में वैज्ञानिक सोच को लोकप्रिय बनाने में बड़ी भूमिका निभाई.
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Nuclear Science – डॉ. होमी जहांगीर भाभा

डॉ. भाभा ने भारत में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की नींव रखी. उन्होंने परमाणु अनुसंधान केंद्र की स्थापना की और वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता का सपना देखा. वे न केवल वैज्ञानिक थे, बल्कि योजनाकार भी थे जो विज्ञान को राष्ट्रनिर्माण से जोड़ते थे.
Astronomy – वराह मिहिर

वराह मिहिर छठी शताब्दी के एक महान खगोलशास्त्री थे. उन्होंने ग्रहों की गति, सूर्यग्रहण और मौसम विज्ञान पर गहरा अध्ययन किया. उनकी पुस्तक ‘बृहत्संहिता’ खगोल और ज्योतिष के क्षेत्र में आज भी उल्लेखनीय मानी जाती है.
Medical Science – आचार्य सुश्रुत

आचार्य सुश्रुत को शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का जन्मदाता माना जाता है. उन्होंने सैकड़ों प्रकार की शल्य प्रक्रियाओं का विवरण ‘सुश्रुत संहिता’ में दिया. वे न केवल चिकित्सक थे, बल्कि एक उत्कृष्ट शिक्षक और वैज्ञानिक भी थे.
Computer Science – एन. नारसिंहन

एन. नारसिंहन ने भारत में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई और शोध को दिशा दी. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में उन्होंने पहली बार कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और गणनाओं की शुरुआत करवाई, जिससे देश में डिजिटल क्रांति का बीज पड़ा.
Geology – डी. एन. वाडिया

डी. एन. वाडिया भारत के पहले प्रमुख भूवैज्ञानिकों में से एक थे. उन्होंने हिमालय की संरचना, चट्टानों की बनावट और खनिज संसाधनों पर शोध किया. उनका काम भारत की खनिज नीतियों और भू-वैज्ञानिक मानचित्रों का आधार बना.
Space Science – डॉ. विक्रम साराभाई

डॉ. विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जन्मदाता कहा जाता है. ISRO की स्थापना उन्हीं की कल्पना थी. उन्होंने भारत में सैटेलाइट, संचार और शिक्षा को जोड़ते हुए विज्ञान को आम जनता तक पहुँचाने का सपना साकार किया.
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