Home मनोरंजन खून, खामोशी और खौफ! Raat Akeli Hai: The Bansal Murders से Nawazuddin की दमदार वापसी

खून, खामोशी और खौफ! Raat Akeli Hai: The Bansal Murders से Nawazuddin की दमदार वापसी

by Preeti Pal
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Raat Akeli Hai: The Bansal Murders में Nawazuddin ने फिर साबित किया कि वो क्यों हैं एक्टिंग के उस्ताद

Raat Akeli Hai: The Bansal Murders:नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे और चित्रांगदा सिंह की ‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ नेटफ्लिक्स पर ट्रेंड कर रही है.

22 December, 2025

Raat Akeli Hai: The Bansal Murders: नेटफ्लिक्स की क्राइम-थ्रिलर फिल्म का अगला चैप्टर ‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ रिलीज़ हो चुका है. ये एक बार फिर ऑडियन्स को सस्पेंस, पॉलिटिक्स और मिस्ट्री की दुनिया में ले जाता है. हनी त्रेहान के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म न सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री है, बल्कि पावर, सच और सिस्टम पर एक तीखा कमेंट भी है. लेकिन इस पूरी कहानी की जान हैं नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, जो एक बार फिर अपनी एक्टिंग से दिल जीत लेते हैं.

कहानी

‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ की कहानी वहीं से आगे बढ़ती है, जहां इंस्पेक्टर जटिल यादव (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) एक और केस में कूदते हैं. इस बार मामला है एक अमीर और ताकतवर मीडिया बिजनेस फैमिली, बंसल परिवार का हैं. इस फैमिली में एक ही रात में कई मर्डर हो जाते हैं. आलीशान हवेली, बंद कमरे, डरे हुए चेहरे और ढेर सारे राज़, कहानी शुरुआत से ही ऑडियन्स को बांध लेती है. फिल्म की ओपनिंग काफी दिलचस्प है. बंसल हवेली में अचानक कई कौवों की मौत हो जाती है, वजह होती है पानी में ज़हर. उसी रात परिवार के कई लोग मारे जाते हैं. हर बचा हुआ शख्स शक के घेरे में है और हर किसी के पास छुपाने के लिए बहुत कुछ है. यहीं से इंस्पेक्टर जटिल यादव का असली टेस्ट शुरू हो जाता है.

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सच की तलाश

पुलिस डिपार्टमेंट के बाकी अफसर केस को जल्दी निपटाने के मूड में हैं. शक की सुई एक नशे की लत वाले फैमिली मैंबर की तरफ घुमा दी जाती है. मगर इंस्पेक्टर जटिल यादव को मामला कुछ और ही लगता है. उन्हें महसूस होता है कि ये सिर्फ एक फैमिली झगड़ा नहीं, बल्कि इसके पीछे पावर, लालच और दबे हुए सच की लंबी कहानी है. जांच के दौरान शक की सुई जाती है नीरा (चित्रांगदा सिंह) और उनकी गुरु मां (दीप्ति नवल) की तरफ. फिर जैसे-जैसे परतें खुलती हैं, कहानी और भी डरावनी होती जाती है. फिल्म बार-बार ये दिखाती है कि कैसे अमीरी-गरीबी का फर्क, ताकत और बेबसी के बीच की खाई, ऐसे क्राइम को जन्म देती है.

दमदार एक्टिंग

बात करें एक्टिंग की, तो नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी इस फिल्म की रीढ़ हैं. उनका कैरेक्टर शांत लेकिन बहुत असरदार है. बिना ज़्यादा डायलॉग बोले, सिर्फ आंखों और चेहरे के एक्सप्रेशन से वो बहुत कुछ कह जाते हैं. वो किरदार में घुल-मिल जाते हैं और जटिल यादव को पूरी ईमानदारी से जीते हैं. वहीं, चित्रांगदा सिंह अपने रोल में काफी बढ़िया और मिस्टीरियस नजर आईं. दीप्ति नवल का एक्सपीरियंस कहानी को और डीप बना देता है. हालांकि, राधिका आप्टे का स्क्रीन टाइम लिमिटिड है, लेकिन जितनी देर भी वो पर्दे पर आती हैं, अपनी छाप छोड़ जाती हैं. इन सबके अलावा इला अरुण के काम को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. उन्होंने फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मां का रोल किया है.

बढ़िया थ्रिलर

‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ सिर्फ एक थ्रिलर नहीं, बल्कि समाज का आईना है. ये दिखाती है कि कैसे सच को दबाने की कोशिश होती है और कैसे कुछ लोग सिस्टम के सहारे हर गुनाह से बच निकलते हैं. फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसकी एंडिंग, जो आखिरी पल तक आपको सीट से बांधे रखती है. ये मूवी उन लोगों के लिए है जिन्हें स्मार्ट थ्रिलर, स्ट्रॉन्ग एक्टिंग और अच्छी कहानियां पसंद हैं.

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