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‘बांग्लादेशी ट्रिब्यूनल कंगारू कोर्ट है’ शेख हसीना के खिलाफ फैसले पर भड़के पूर्व भारतीय राजदूत

by Live Times
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Sheikh Hasina Verdict

Sheikh Hasina Verdict: कई पूर्व भारतीय राजदूतों ने हसीना के खिलाफ बांग्लादेशी कोर्ट के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल एक कंगारू कोर्ट है.

18 Novemeber, 2025

Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश के ट्रिब्यूनल कोर्ट द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है. कई पूर्व भारतीय राजदूतों ने सोमवार को इस फैसले की आलोचना की और कहा कि पड़ोसी देश एक बार फिर “बहुत बंटा हुआ” है, जो उसकी स्थिरता और सुरक्षा के लिए अच्छा संकेत नहीं है. वरिष्ठ डिप्लोमैट वीना सीकरी 2003-2006 तक बांग्लादेश में भारत की हाई कमिश्नर रह चुकी हैं, उन्होंने पूछा कि देश के क्या इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) के पास एक पूर्व प्रधानमंत्री पर मुकदमा चलाने की कानूनी मान्यता है, क्योंकि इसे सिर्फ उन लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए नियुक्त किया गया था जिन्होंने 1971 के लिबरेशन वॉर में युद्ध अपराध किए थे.

इंटरनेशनल कोर्ट को कहा कंगारू कोर्ट

सीकरी ने आरोप लगाया, “यह एक कंगारू कोर्ट के अलावा कुछ नहीं है.” पूर्व दूत सीकरी ने बताया कि ICT को सिर्फ़ उन लोगों के ट्रायल के लिए अपॉइंट किया गया था जिन्होंने 1971 की लड़ाई में वॉर क्राइम किए थे. उन्होंने कहा, “किस एक्ट के तहत आपने ICT का मकसद बदल दिया है.” जिस आधार पर हसीना पर ट्रायल किया गया है, वह “बिल्कुल भी सही नहीं है, यह एक गैर-कानूनी प्रोसेस है.” सीकरी ने यह भी कहा कि इन्वेस्टिगेशन प्रोसेस में कई “लूपल्स और कमियां” थीं. ICT किसी प्राइम मिनिस्टर पर ट्रायल करने वाला ट्रिब्यूनल नहीं है.” सिकरी ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र की स्थिरता तभी पक्की हो सकती है जब बांग्लादेश में “स्वतंत्र, निष्पक्ष, सबको साथ लेकर चलने वाले और भरोसेमंद चुनाव” हों.

हसीना ने ICC में मुकदमा चलाने की मांग की

फैसले के कुछ घंटों बाद, हसीना ने एक बयान में कहा कि वह अपने आरोप लगाने वालों का सामना एक सही ट्रिब्यूनल में करने से नहीं डरतीं, जहां सबूतों को सही तरीके से तौला और परखा जा सके, इसलिए मैंने अंतरिम सरकार को बार-बार चुनौती दी है कि “इन आरोपों को हेग में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के सामने लाया जाना चाहिए.”

‘भारत ने सही काम किया’

पूर्व डिप्लोमैट राजीव डोगरा ने कहा कि भारत ने हसीना को पनाह देकर “सही काम किया है”, क्योंकि वह “एक अहम नेता हैं, जिनकी पार्टी के राज में बांग्लादेश की डेमोक्रेसी हमेशा आगे बढ़ी है.” उन्होंने कहा कि बेशक, राज के आखिरी हिस्से में कुछ दिक्कतें थीं और वह उन्हें “ठीक” करने की राह पर थीं. यह पूछे जाने पर कि इस डेवलपमेंट के बाद देश पर क्या स्ट्रेटेजिक असर होगा, उन्होंने कहा कि “असर निश्चित रूप से बहुत अच्छा नहीं होगा.” उन्होंने बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस और ढाका में अंतरिम सरकार में उनके कई साथियों द्वारा पहले दिए गए “भड़काऊ” बयानों की आलोचना की, जो हसीना सरकार गिरने के बाद बनी थी. डोगरा ने कहा, “बांग्लादेश में अस्थिर सरकार होना निश्चित रूप से भारत और इलाके के लिए चिंता की बात है.”

हसीना को मिली फांसी की सजा

हसीना को सोमवार को ICT ने पिछले साल छात्रों के विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई को “मानवता के खिलाफ अपराध” मानते हुए मौत की सजा सुनाई है. महीनों तक चले ट्रायल के बाद अपने फैसले में, ICT ने 78 साल के अवामी लीग लीडर को उस हिंसक कार्रवाई का “मास्टरमाइंड” बताया, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारी मारे गए थे. इसने पूर्व होम मिनिस्टर असदुज्जमां खान कमाल को भी इसी तरह के आरोपों में मौत की सजा सुनाई. हसीना पिछले साल 5 अगस्त को बड़े पैमाने पर हिंसक प्रोटेस्ट के बाद बांग्लादेश की प्राइम मिनिस्टर के पद से हटाए जाने के बाद से भारत में रह रही हैं.

यह भी पढ़ें- शेख हसीना को मिली फांसी की सजा, प्रदर्शनकारियों को मरवाने के लिए दोषी करार, बांग्लादेश में तनाव

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