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संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री जयशंकर बोले- टैरिफ अस्थिरता के बीच शांति व सहयोग की आवाज बने BRICS

by Sanjay Kumar Srivastava
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Foreign Minister Jaishankar

United Nations: 2026 में BRICS की भारत की आगामी अध्यक्षता के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.

United Nations: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि टैरिफ अस्थिरता के बीच BRICS को शांति और सहयोग की आवाज बनना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान टैरिफ अस्थिरता के बीच बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करने का आह्वान किया. जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जब बहुपक्षवाद दबाव में होता है, ब्रिक्स तर्क और रचनात्मक बदलाव की एक मज़बूत आवाज़ के रूप में मजबूती से खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि एक अशांत दुनिया में ब्रिक्स को शांति स्थापना, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के संदेश को मज़बूत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चूंकि बढ़ता संरक्षणवाद, टैरिफ़ अस्थिरता और गैर-टैरिफ़ बाधाएं व्यापार प्रवाह को प्रभावित करती हैं, इसलिए ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए. जयशंकर की यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने के कुछ हफ़्ते बाद आई है, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत जुर्माना भी शामिल है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है.

भारत की BRICS अध्यक्षता 2026 में

विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए अपने सामूहिक आह्वान को बढ़ाने के लिए भी समूह का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार ब्रिक्स सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करेंगे. 2026 में BRICS की भारत की आगामी अध्यक्षता के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान सिएरा लियोन, रोमानिया, क्यूबा, ​​ऑस्ट्रिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, रूस, उरुग्वे, कोलंबिया, एंटीगुआ और बारबुडा के अपने समकक्षों से भी मुलाकात की. उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री बीट मीनल-रीसिंजर के साथ आज की भू-राजनीति और भारत और यूरोप के सामने विकल्पों पर “जीवंत चर्चा” की. विदेश मंत्री ने आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) मंत्रियों के साथ भी बैठक की. उन्होंने कहा कि आईबीएसए ने यूएनएससी में परिवर्तनकारी सुधार का पुरजोर आह्वान किया. अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों, यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया के घटनाक्रमों पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने कोलंबियाई समकक्ष रोजा योलांडा विलाविसेनियो के साथ भारत-सीईएलएसी विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की. जयशंकर ने कहा कि हम कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल, एचएडीआर और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में अपने मौजूदा व्यापक सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा एआई, प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, अंतरिक्ष और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों का पता लगाने पर भी सहमति हुई.

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