Home Top News पाक- अफगानिस्तान में 4 दिन तक चली शांति वार्ता फेल, इस मंत्री ने तालिबान को दे डाली लास्ट वार्निंग

पाक- अफगानिस्तान में 4 दिन तक चली शांति वार्ता फेल, इस मंत्री ने तालिबान को दे डाली लास्ट वार्निंग

by Live Times
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Pakistan- Afghanistan Peace Talk Failed

Pakistan-Afghanistan Peace Talk Failed: पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने बुधवार सुबह कहा कि इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता विफल हो गई है.

29 October, 2025

Pakistan-Afghanistan Peace Talk Failed: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चार दिन से चल रही शांति वार्ता अब फेल हो चुकी है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने बुधवार सुबह कहा कि इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता विफल हो गई है. यह वार्ता दोहा में पहले हुए एक दौर के बाद हुई है. पाकिस्तान तालिबान पर हमलों में वृद्धि से जुड़े आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाता है, जबकि काबुल इस बात से इनकार करता है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है.

सूचना मंत्री ने दी जानकारी

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कहा कि क़तर और तुर्की की मध्यस्थता के बावजूद बातचीत कोई व्यावहारिक समाधान निकालने में विफल रही. तरार ने कहा कि पाकिस्तान ने कतर और तुर्की जैसे भाईचारे वाले देशों के अनुरोध पर शांति को एक मौका दिया और पहले दोहा और फिर इस्तांबुल में अफगान तालिबान सरकार के साथ बातचीत की. उन्होंने तालिबान पर पाकिस्तान के नुकसान के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने हमेशा अफगानिस्तान के लोगों की शांति और समृद्धि की कामना की है, उसकी वकालत की है और उसके लिए अपार त्याग किए हैं.

तरार ने कहा कि पाकिस्तान इस वार्ता को सुगम बनाने के लिए कतर और तुर्की का आभारी है, जो इस्लामाबाद और काबुल के बीच महीनों से बढ़े तनाव को कम करने के व्यापक कूटनीतिक प्रयास का हिस्सा थी. उन्होंने कहा कि “तालिबान शासन अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं रखता और युद्ध अर्थव्यवस्था पर फलता-फूलता है, इसलिए वह अफगान लोगों को एक अनावश्यक युद्ध में घसीटना और फंसाना चाहता है.”

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पाक की तालिबान को चेतावनी

तरार ने कहा, पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे चुका है और चेतावनी दी कि इस्लामाबाद अपने लोगों को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाता रहेगा. इससे पहले मंगलवार को वार्ता की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले तीन पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस्तांबुल में वार्ता में गतिरोध इसलिए पैदा हो गया है क्योंकि काबुल इस आश्वासन की मांग मानने को तैयार नहीं है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं किया जाएगा.

दोनों ने एक-दूसरे पर लागए आरोप

पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, तालिबान प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं था और फैसले लेने से पहले काबुल से मार्गदर्शन लेता रहा. अफगानिस्तान-नियंत्रित मीडिया आरटीए ने भी पाकिस्तानी पक्ष पर इसी तरह के आरोप लगाए और कहा कि काबुल ने रचनात्मक वार्ता करने की पूरी कोशिश की, लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी पक्ष का ऐसा कोई इरादा नहीं है.

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