Putin Speaks To PM Modi: पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि इस जघन्य हमले के दोषियों पर और उनका समर्थन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत है.
Putin Speaks To PM Modi: पहलगाम हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. सीमा पर पाकिस्तानी सेना की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है. इस बीच भारत भी एक्शन की तैयारी में जुटा है. पीएम मोदी ने आज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की है. इस बातचीत में पहलगाम हमले, आतंकवाद और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है. इसके साथ ही पुतिन ने पहलगाम हमले को लेकर संवेदना भी व्यक्त की है. पुतिन ने भारत को आश्वासन दिया है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में रूस भारत के साथ खड़ा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी जानकारी
पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि इस जघन्य हमले के दोषियों पर और उनका समर्थन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बातचीत के बारे में जानकारी दी. रणधीर जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी और पुतिन ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार हासिल रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत और गहरा करने पर अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है. पीएम मोदी ने पुतिन से बात करते हुए उन्हें विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर बधाई दी है, इसके साथ ही इस साल के आखिर में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए निमंत्रण भी दिया है.
दशकों पुराने हैं भारत रूस के रक्षा संबंध
भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध दशकों पुराने हैं, और रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है. हाल के वर्षों में, आत्मनिर्भर भारत पर जोर रहा है, लेकिन रूस के साथ रक्षा समझौते अभी भी महत्वपूर्ण हैं. प्रमुख हथियार डील्स और सहयोग में निम्नलिखित शामिल हैं.
S-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली
भारत ने 2018 में रूस के साथ $5.43 बिलियन की डील पर हस्ताक्षर किए, जिसमें पाँच S-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति शामिल है. यह हवाई हमलों और मिसाइलों से बचाव के लिए अत्याधुनिक प्रणाली है. कुछ यूनिट्स भारत को 2021-2023 के बीच डिलीवर हो चुकी हैं, और बाकी की डिलीवरी 2025-2026 तक पूरी होने की उम्मीद है. यह डील भारत की वायु रक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है. यह डील भारत-रूस रक्षा सहयोग का एक प्रमुख उदाहरण है, हालांकि इसने अमेरिका के CAATSA के तहत संभावित प्रतिबंधों को लेकर चर्चा छेड़ी थी.
AK-203 असॉल्ट राइफल्स
भारत और रूस ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में AK-203 राइफल्स के संयुक्त उत्पादन के लिए एक समझौता किया. इस डील के तहत 7.62×39mm राइफल्स का निर्माण भारत में किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करना है. 2023 तक, राइफल्स का उत्पादन शुरू हो चुका था, और 2025 तक यह परियोजना पूरी तरह से चालू है. लगभग 6 लाख से अधिक राइफल्स का उत्पादन होना है. यह डील भारत की “मेक इन इंडिया” पहल को बढ़ावा देती है और रूस के साथ संयुक्त विनिर्माण को दर्शाती है.
नौसेना और वायुसेना के लिए उपकरण
कामोव Ka-226T हेलिकॉप्टर: भारत और रूस ने 200 हल्के उपयोगिता हेलिकॉप्टरों के लिए एक समझौता किया था, जिनका निर्माण भारत में होना है. हालांकि, इस परियोजना में देरी हुई है.
मिग और सुखोई विमान: रूस भारत को सुखोई Su-30 MKI और मिग-29 जैसे विमानों के लिए स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव सहायता प्रदान करता रहा है. भारतीय वायुसेना के बेड़े में रूसी मूल के विमान महत्वपूर्ण हैं.
नौसेना फ्रिगेट्स: भारत ने रूस से दो तलवार-श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट्स (प्रोजेक्ट 11356) खरीदे और दो अन्य का निर्माण भारत में गोवा शिपयार्ड में किया जा रहा है. इनकी डिलीवरी 2024-2025 के आसपास होने की उम्मीद है.
अन्य सहयोग
ब्रह्मोस मिसाइल: भारत और रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक सफल उदाहरण है. हाल के वर्षों में, इसके निर्यात (जैसे फिलीपींस को) और नई वेरिएंट्स (जैसे हाइपरसोनिक) पर काम चल रहा है.
रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: रूस ने भारत को T-90 टैंकों, मिसाइल सिस्टम, और अन्य हथियारों के लिए तकनीक हस्तांतरण में सहयोग किया है.
ये भी पढ़ें..पहलगाम हमले का जवाब देने को तैयार भारत? पीएम मोदी ने डिफेंस सेक्रेटरी से की मुलाकात