Lok Sabha Election 2024 : उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने भी कभी इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था.
24 April, 2024
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के अंतर्गत आगामी 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 सीटों पर मतदान होगा. इस बीच उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट सर्वाधिक चर्चा में है, जबकि यहां पर 13 मई को मतदान होगा. इस बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है.
अखिलेश खुद लड़ें कन्नौज से चुनाव
कन्नौज से भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पार्टी उनकी जेब में है, किसी को भी वे टिकट दे सकते हैं और किसी की भी टिकट काट सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं अखिलेश यादव को एक ही सलाह दूंगा कि वे खुद यहां से चुनाव लड़ें ताकि एक बराबरी की लड़ाई हो. अगर कोई और लड़ेगा तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी.
मुलायम और अखिलेश भी रह चुके हैं इस सीट से सांसद
उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया (Socialist leader Ram Manohar Lohia) ने भी कभी इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था. इतना ही नहीं, मुलायम सिंह यादव भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं.
BJP भी दो बार मार चुकी है बाजी
गौरतलब है कि भाजपा को इस सीट से 2 बार जीत मिल चुकी है तो बसपा एक बार भी इस सीट से नहीं जीत पाई है. वहीं, एक बार फिर यह लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है. इसकी वजह सपा प्रमुख अखिलेश यादव हैं. दरअसल, ऐसी चर्चा चल रही है कि इस सीट से तेज प्रताप सिंह यादव की जगह अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं. साल 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार कन्नौज लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को कामयाबी मिली थी और यहां से भाजपा के उम्मीदवार चंद्र भूषण सिंह ने जीत हासिल की थी.
राम मनोहर लोहिया भी रह चुके हैं यहां से सांसद
बता दें कि यूपी की कन्नौज लोकसभा सीट वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई थी. राम मनोहर लोहिया ने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा था और जीत अपने नाम की थी. उस समय लोहिया संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन जब 1971 में फिर से चुनाव हुआ तो यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस के उम्मीदवार सत्य नारायण मिश्र के सिर जीत का ताज सजा था. इसके बाद दो चुनावों में जनता पार्टी जीती और 1977 में जब चुनाव हुआ तो भाजपा ने पहली बार यहां से जीत हासिल की थी. 1980 में भी भाजपा को ही जीत मिली थी.
शीला दीक्षित ने हासिल की थी कामयाबी
1984 की बात करें तो कांग्रेस नेता शीला दीक्षित सांसद चुनी गईं. वह 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही थीं. वर्ष 1989 में जनता दल के उम्मीदवार छोटे सिंह यादव को जीत हासिल हुई थी. 1991 में फिर उन्होंने चुनाव जीता. इसके बाद वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर में शीला दीक्षित को कामयाबी मिली थी. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1989 में जनता दल के उम्मीदवार छोटे सिंह यादव ने फिर परचम लहराया. वर्ष 1991 के चुनाव में भी छोटे सिंह यादव को ही कामयाबी मिली. यह अलग बात है कि इस बार वह जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. इसके बाद 1998 चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत नसीब हुई थी. यहां से सपा उम्मीदवार प्रदीप यादव को जीत मिली थी.
अखिलेश भी कई बार जीत चुके हैं इस सीट पर
लोकसभा चुनाव 1999 में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद चुने गए. वर्ष 2000 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव सांसद बने. 2004 लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव एक बार फिर कन्नौज सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल की. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने फिर से जीत दर्ज की. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने भाजपा के सुब्रत पाठक को सिर्फ 19 हजार 907 वोटों से हराया था, जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में सुब्रत पाठक ने इस सीट पर भाजपा का परचम लहराया था.
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