22 दिसंबर 2023
सांसदों के निलंबन के खिलाफ जंतर-मंतर पर विपक्ष का ‘आक्रोश’
विपक्षी गठबंधन इंडिया यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस के नेताओं ने सरकार पर ‘लोकतंत्र को खत्म करने’ की कोशिश का आरोप लगाया है। दरअसल खत्म हुए शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों से 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। विपक्ष ने इसके खिलाफ शुक्रवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। जहां विपक्षी गठंबधन के तमाम दिग्गज नेता जमा हुए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी नेता एकजुट हैं और प्रधानमंत्री मोदी अब अकेले कुछ नहीं कर सकते है। जंतर-मतंर पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, आरजेडी नेता मनोज झा समेत कई पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया और सरकार पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्या कहा ?
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी और अमित शाह ने देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। ये लोग दलितों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों को कुचलने का काम कर रहे हैं। इसलिए हमने देश को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है।
खरगे ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि हम मोदी सरकार से डरने वाले नहीं हैं। हमें मिट्टी में दबाने की चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, हम बीज हैं, हमें बार-बार उगने की आदत है।
इस प्रदर्शन में खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत धक्का लगा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे लोग जाति का नाम लेकर कहते है कि मुझे अपमानित किया जा रहा है। जबकि हमें तो सदन में नोटिस तक नहीं पढ़ने दिया जाता, तो क्या मैं ये कहूं कि मोदी सरकार दलित को बोलने भी नहीं देती! खरगे ने आगे ये भी कहा कि अगर आपकी यह हालत यह है तो मेरे जैसे दलित की क्या हालत होगी।
खरगे ने कहा कि संविधान से हमें बोलने की आजादी मिली है। ये आजादी हमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और डॉ. आंबेडकर ने दी है। विपक्षी सांसदों को सदन से बाहर निकाल कर सरकार ने सारे कानूनों को बिना किसी विरोध के पारित कर लिया। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
शरद पवार ने क्या कहा ?
प्रदर्शन में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश की संसद को, प्रजातंत्र को बचाने के लिए जो कुछ कीमत देनी पड़ेगी, वो कीमत चुकाने के लिए सभी विपक्षी दल तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि दलित, आदिवासी, युवा और किसान सभी दुखी हैं और भाजपा सभी समस्याओं की जड़ है। शरद पवार ने कहा कि प्रजातंत्र पर हमला करने वाली सांप्रदायिक शक्ति को हम सत्ता से दूर करेंगे।
सीताराम येचुरी ने क्या कहा ?
सीताराम येचुरी का आरोप है कि पूरे देश में जनतंत्र का कत्ल हो रहा है। अगली बार भाजपा जीत कर आएगी तो पता नहीं संसद रहेगी भी या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर देश में जनतंत्र और संविधान को बचाना है तो हमें मोदी सरकार को सत्ता से दूर करना होगा।
जंतर-मंतर पर सत्ता पक्ष के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन क्यों ?
आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र के समापन के बाद बृहस्पतिवार को संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। लेकिन इससे पहले संसद के दोनों सदनों में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में शीतकालीन सत्र में कुछ दिनों में 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जिसमें ज्यादातर सदस्यों को शीतकालीन सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित किया गया र सत्र समाप्ति के बाद उनका निलंबन खुद ब खुद खत्म हो चुका है। लेकिन कुछ सदस्यों के मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था और समिति की रिपोर्ट आने तक उनका निलंबन जारी रहेगा।
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