Home Religious आज का पंचांग, 6 जून 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि और योग आदि की जानकारी

आज का पंचांग, 6 जून 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि और योग आदि की जानकारी

by Rishi
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6 June 2025 Hindu Calendar: Daily Panchang Details

Aaj Ka Panchang: आज सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:17 बजे होगा. चंद्रमा का उदय दोपहर 3:01 बजे और चंद्रास्त 7 जून को सुबह 2:27 बजे होगा.

Aaj Ka Panchang: आज, 6 जून 2025, शुक्रवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर के अंतर्गत मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह भगवान विष्णु की उपासना और व्रत के लिए समर्पित है. आज का पञ्चाङ्ग न केवल समय, तिथि और नक्षत्रों की स्थिति की जानकारी देता है, बल्कि यह भी बताता है कि कौन से समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त हैं और किन समयों में सावधानी बरतनी चाहिए. आइए, नई दिल्ली के संदर्भ में आज के पञ्चाङ्ग का विस्तृत विवरण देखें.

सूर्य और चंद्रमा की स्थिति

आज सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:17 बजे होगा. चंद्रमा का उदय दोपहर 3:01 बजे और चंद्रास्त 7 जून को सुबह 2:27 बजे होगा. दिन का समय 13 घंटे 54 मिनट 6 सेकंड और रात्रि का समय 10 घंटे 5 मिनट 48 सेकंड रहेगा. मध्याह्न का समय दोपहर 12:20 बजे होगा. चंद्रमा आज कन्या राशि में शाम 8:06 बजे तक रहेगा, इसके बाद तुला राशि में प्रवेश करेगा. सूर्य वृषभ राशि में गोचर करेगा और रोहिणी नक्षत्र के चौथे पाद में रहेगा. नक्षत्र की बात करें तो हस्त नक्षत्र सुबह 6:34 बजे तक रहेगा, जिसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू होगा, जिसके चार पाद क्रमशः दोपहर 1:20 बजे, रात 8:06 बजे, और 7 जून को सुबह 2:53 बजे तक प्रभावी रहेंगे.

तिथि, नक्षत्र, योग और करण

आज की तिथि शुक्ल पक्ष की एकादशी है, जो 7 जून को सुबह 4:47 बजे तक रहेगी, इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू होगी. नक्षत्र में हस्त सुबह 6:34 बजे तक रहेगा, जिसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रभावी होगा. योग की बात करें तो व्यतीपात योग सुबह 10:13 बजे तक रहेगा, इसके बाद वरीयान् योग शुरू होगा. करण में वणिज दोपहर 3:31 बजे तक, फिर विष्टि (भद्रा) सुबह 4:47 बजे तक रहेगा, और इसके बाद बव करण प्रभावी होगा. एकादशी तिथि और रवि योग (सुबह 5:23 से 6:34 बजे तक) के कारण आज का दिन धार्मिक कार्यों और व्रत-उपवास के लिए विशेष रूप से शुभ है.

ऋतु और अयन

वैदिक और द्रिक गणना के अनुसार, आज ग्रीष्म ऋतु और उत्तरायण है, जो शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है. ज्येष्ठ मास पूर्णिमांत और अमांत दोनों गणनाओं में महत्वपूर्ण है, और आज प्रविष्टे/गते 23 है. संवत्सर की बात करें तो विक्रम संवत 2082 कालयुक्त है, शक संवत 1947 विश्वावसु और गुजराती संवत 2081 नल है. बृहस्पति संवत्सर में कालयुक्त 25 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:07 बजे तक प्रभावी था, जिसके बाद सिद्धार्थी संवत्सर शुरू हुआ.

शुभ समय

आज कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:02 बजे से 4:42 बजे तक रहेगा, जो ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम है. प्रातः सन्ध्या सुबह 4:22 बजे से 5:23 बजे तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 11:52 बजे से 12:48 बजे तक, और विजय मुहूर्त दोपहर 2:39 बजे से 3:35 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 7:16 बजे से 7:36 बजे तक और सायाह्न सन्ध्या शाम 7:17 बजे से 8:18 बजे तक होगी. अमृत काल 7 जून को सुबह 2:26 बजे से 4:14 बजे तक और निशिता मुहूर्त रात 12:00 बजे से 12:40 बजे तक रहेगा. रवि योग सुबह 5:23 बजे से 6:34 बजे तक शुभ कार्यों के लिए विशेष रूप से अनुकूल है.

अशुभ समय

कुछ समय अशुभ माने गए हैं, जिनमें सावधानी बरतनी चाहिए. राहुकाल सुबह 10:36 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक रहेगा, जो नए कार्य शुरू करने के लिए उपयुक्त नहीं है. यमगण्ड दोपहर 3:48 बजे से 5:33 बजे तक और गुलिक काल सुबह 7:07 बजे से 8:51 बजे तक रहेगा. वर्ज्य समय दोपहर 3:36 बजे से 5:24 बजे तक और दुर्मुहूर्त सुबह 8:10 बजे से 9:05 बजे तक तथा दोपहर 12:48 बजे से 1:43 बजे तक रहेगा. भद्रा दोपहर 3:31 बजे से 7 जून सुबह 4:47 बजे तक रहेगी. बाण में रज रात 10:00 बजे से पूर्ण रात्रि तक प्रभावी रहेगा.

अन्य ज्योतिषीय जानकारी

आज होमाहुति शनि ग्रह को समर्पित है, और दिशा शूल पश्चिम दिशा में है, इसलिए पश्चिम दिशा में यात्रा से बचना चाहिए. आनन्दादि योग में अमृत सुबह 6:34 बजे तक शुभ है, इसके बाद मुसल अशुभ रहेगा. तमिल योग में अमृत सुबह 6:34 बजे तक, फिर मरण योग रहेगा. जीवनम में निर्जीव सुबह 6:34 बजे तक, फिर पूर्ण जीवन और नेत्रम में दो नेत्र हैं.

6 जून 2025 का पञ्चाङ्ग धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, खासकर एकादशी व्रत और पूजा के लिए. अभिजित मुहूर्त और रवि योग शुभ कार्यों के लिए अनुकूल हैं, लेकिन राहुकाल और भद्रा में सावधानी बरतें. यह पञ्चाङ्ग धार्मिक और ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिससे दिन की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ उठाया जा सकता है.

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