Bihar Politics: बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान जेडी(यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया.
Bihar Politics: बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान जेडी(यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया. राज्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि यह फैसला एनडीए के घटक दलों की बैठक से पहले लिया गया. पीटीआई से बात करते हुए श्रवण कुमार ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों ने नीतीश कुमार को जेडी(यू) विधायक दल का नेता चुना है. उन्होंने बताया कि बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में हुई. बैठक में पार्टी के सभी नवनिर्वाचित विधायकों और 22 विधान परिषद सदस्यों ने भाग लिया. श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार को जेडी(यू) विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव पार्टी नेता विजय चौधरी और उमेश कुशवाहा ने रखा और जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता बिजेंद्र यादव ने इसका समर्थन किया. बाद में जेडी(यू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया.
गुरुवार को लेंगे शपथ
जेडी(यू) नेता ने कहा कि जेडी(यू) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने बैठक में शामिल सभी पार्टी नेताओं को संबोधित किया और उनसे राज्य के कल्याण के लिए अथक प्रयास करने को कहा. श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ लेंगे. कुमार पांच-दलीय गठबंधन के घटक दलों की बैठक के दौरान एनडीए के नेता चुने जाएंगे. उन्होंने कहा कि जेडी(यू) सुप्रीमो शाम को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात करेंगे और उनसे नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के लिए राज्यपाल से संपर्क किया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा विधानसभा बुधवार को भंग कर दी जाएगी. एनडीए ने बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की, जिसमें भाजपा को 89, जेडी(यू) को 85, एलजेपी(आरवी) को 19, हम को 5 और आरएलएम को 4 सीटें मिलीं.
1985 में जीते पहली बार
प्रतिष्ठापरक चुनावों से पहले 75 वर्षीय नेता नीतीश कुमार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए वजीफे के अलावा बहुचर्चित मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना जैसे लाभों की घोषणा की. जिसके तहत एक करोड़ से अधिक महिलाओं को उनके बैंक खातों में 10,000 रुपये मिले हैं. राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार आलोचनाओं और आलोचकों के उन आरोपों से बेपरवाह रहे कि भाजपा उनके साथ शिंदे जैसा व्यवहार करना चाहती है. यह इशारा महाराष्ट्र के उनके पूर्व समकक्ष एकनाथ शिंदे की ओर था, जिन्हें पश्चिमी राज्य के विधानसभा चुनावों में शिवसेना से बेहतर प्रदर्शन के बाद भाजपा ने सत्ता से बाहर कर दिया था. 1951 में बिहार के बख्तियारपुर में जन्मे नीतीश कुमार ने जेपी आंदोलन के दौरान राजनीति में प्रवेश किया. वे जनता पार्टी में शामिल हो गए और 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. उनकी पहली चुनावी जीत 1985 में हुई.
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