Uttarakhand Utsav: उत्तराखंड के गठन को 25 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके Live Times ने पूर्व CM भगत सिंह कोश्यारी का खास इंटरव्यू किया, जिसमें उन्होंने राज्य के विकास को लेकर बेबाकी से जवाब दिया.
18 November, 2025
Uttarakhand Utsav: उत्तराखंड बने 25 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर राज्य ने अपना रजत जयंती समारोह मनाया. पूरे राज्य में उत्सव का माहौल था. राज्य के विभिन्न स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस अवसर पर सरकार ने लोगों के संघर्षों को याद किया, जिन्होंने उत्तराखंड बनाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था. इसी खास मौके पर Live Times के Editor in Chief दिलीप सिंह ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari ) का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया. विस्तार से नीचे पढ़ें कि उत्तराखंड के विकास को लेकर भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा और कैसे उन्होंने एक-एक सवाल का जवाब बेबाकी से दिया.
दिलीप सिंह– उत्तराखंड के 25 साल की यात्रा को आप कैसे देखते हैं?
भगत सिंह कोश्यारी– मैं जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि पर विश्वास करता हूं. जिसने पहले ही अपने मन में बैठा लिया हो कि यहां कुछ नहीं हुआ है, उसे यहां कुछ नहीं दिखेगा. जिसकी सकारत्मक दृष्टि होगी, उसे सब दिखेगा. यहां दो मुख्य पार्टियां हैं- भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस. दस साल यहां कांग्रेस ने शासन किया है और उससे थोड़ा ज्यादा भारतीय जनता पार्टी ने भी शासन किया है. अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्ज दिया. अटल जी ने उत्तराखंड को स्पेशल औद्योगिक पैकेज दिया. उसकी मदद से और अन्य सरकारी अनुदान की मदद से उत्तराखंड में काफी विकस हुआ है. साल 2000 में उत्तराखंड का प्रति व्यक्ति आय 15 हजार रुपए था, आज वह 2 लाख 75 हजार को पार कर गया है. आंकड़ें बताते हैं और जमीन पर भी दिखता है कि अब लोगों का जीवन स्तर सुधर गया है. राज्य बनने के समय डॉक्टर केवल 550 के आसपास थे और आज सरकारी अस्पताल में 2500 से ज्यादा डॉक्टर्स हैं. हमारे पास पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज है और दो आगे बनने वाले हैं. इसलिए हम कह सकते हैं कि हर श्रेत्र में उत्तराखंड का विकास हुआ है.
दिलीप सिंह-उत्तराखंड से आज भी भारी संख्या में लोग पलायन करते हैं. क्या आपको लगता है कि नीतियां बनाने में कहीं पर कोई कमी रह गई है, जहां फोकस होकर काम करना चाहिए था?
भगत सिंह कोश्यारी– आलू एक ऐसी सब्जी जो, जिसके साथ जाए, उसके साथ ही मिल जाती है. उसी तरह उत्तराखंड का व्यक्ति ऐसा है कि वो चाहे आईपीएस हो, चाहे खाना पकाने वाला हो या चाहे आर्मी का सीडीएस हो, उनकी डिमांड हर क्षेत्र में है. उनकी ईमानदारी और मेहनत के कारण उनकी डिमांड है. केरल में भी आधे लोग बाहर रहते हैं बड़े-बड़े पदों पर, लेकिन वहां इसकी बात नहीं होती. पहले उत्तराखंड में 45 हजार किलोमीटर की सड़क थी और आज 70 हजार किलोमीटर सड़क है, लेकिन फिर भी हम हर घर तक सड़क नहीं पहुंचा सकते हैं. अगर हम हर घर तक सड़क पहुंचाएंगे तो फायदे से ज्यादा नुकसान होगा. लाभ सिर्फ चार घरों को होगा लेकिन नुकसान पर्यावरण को होगा. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी हम सब भले ही अलग दल के हों, लेकिन उत्तराखंड के विकास के लिए हमने मिलकर काम किया है. आज भी हमारे युवा मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जिनकी तारीफ खुद प्रतिपक्ष के वरिष्ठ नेता करते हैं. आज भी हम सब मिलकर उत्तराखंड की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं.
दिलीप सिंह– क्या आपको लगता है कि पर्यटन के क्षेत्र में जिस स्तर पर काम होना चाहिए था, उस स्तर तक आपकी या कांग्रेस की सरकार काम नहीं कर पाई?
भगत सिंह कोश्यारी– उत्तराखंड के शुरूआती 10 साल में राज्य में स्थिर शासन नहीं रहा. कांग्रेस ने आपसी मतभेद के कारण और अपनी प्राथमिकताओं के कारण राज्य पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. भाजपा के शासन में भी मुख्यमंत्री बदलते रहे, इसलिए पहले 10 वर्षों में ज्यादा प्रगति नहीं हो पाई, लेकिन पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंनत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में बहुत विकास हुआ है. लोगों को जब पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी जवानी में केदारनाथ में तपस्या की थी, तब केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई. आज हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री खुद उत्तराखंड के पर्यटन पर ध्यान दे रहे हैं. आज से 10 साल बाद उत्तराखंड पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊचाइंयों पर पहुंच जाएगा.
दिलीप सिंह– उत्तराखंड में हालही में कई आपदाएं आई, क्या आपको लगता है कि विकास के रास्ते पर हमने सस्टेनेबल डेवलपमेंट को अनदेखा कर दिया? क्या अनियंत्रित विकास पर अंकुश लगाने की जरूरत है?
लाइव टाइम्स के साथ भगत सिंह कोश्यारी की पूरी बातचीत सुनने के लिए देखें एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
