Home International ‘60 दिन की शांति या तबाही?’- ट्रंप का गाजा पर बड़ा दावा, इजरायल मान गया, अब बारी हमास की

‘60 दिन की शांति या तबाही?’- ट्रंप का गाजा पर बड़ा दावा, इजरायल मान गया, अब बारी हमास की

by Jiya Kaushik
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Trump on Gaza

Trump on Gaza: इस वक्त पूरा मिडल ईस्ट एक और निर्णायक मोड़ पर खड़ा है. क्या ट्रंप की ‘डील मेकिंग’ एक और इतिहास रचेगी, या गाजा की जमीनी हकीकत एक बार फिर शांति को असंभव बना देगी. यह आने वाला हफ्ता तय करेगा.

Trump on Gaza: भारत-पाकिस्तान और ईरान-इजरायल के तनाव के बीच अब गाजा पट्टी से एक बड़ी खबर आई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि इजरायल 60 दिन के सीजफायर पर सहमत हो गया है. ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए यह ऐलान किया और साथ ही हमास को चेतावनी भी दे डाली,“अगर अब भी नहीं माने तो हालात और बिगड़ेंगे.”

‘इजरायल तैयार, अब हमास की बारी’- ट्रंप का दावा

ट्रंप ने कहा कि उनके प्रतिनिधियों की इजरायली नेताओं के साथ एक लंबी और सकारात्मक बैठक हुई है. बैठक के बाद इजरायल ने 60 दिन की लड़ाई रोकने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है. इस दौरान सभी पक्षों के साथ मिलकर स्थायी युद्धविराम पर काम किया जाएगा. उन्होंने कहा, “कतर और मिस्र के नेता इस प्रस्ताव को हमास तक पहुंचाएंगे. अगर हमास इसे स्वीकार करता है, तो यह पूरे मिडिल ईस्ट के लिए राहत का संकेत होगा. लेकिन अगर उसने मना किया, तो हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं.”

व्हाइट हाउस पहुंचेंगे नेतन्याहू

सीजफायर वार्ता को अंतिम रूप देने और बंधकों की रिहाई पर रणनीति तय करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 7 जुलाई को अमेरिका का दौरा करेंगे. व्हाइट हाउस ने इस बैठक की पुष्टि कर दी है. यह नेतन्याहू की जनवरी 2025 में ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद व्हाइट हाउस की तीसरी यात्रा होगी. बैठक में गाजा युद्धविराम के साथ-साथ ईरान की न्यूक्लियर गतिविधियों और क्षेत्रीय कूटनीति पर भी चर्चा होगी.

ईरान-इजरायल वार के बाद ट्रंप का ‘शांति अभियान’

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम कराने का भी दावा किया था, जब अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला किया था. अब गाजा मसले पर ट्रंप की सक्रियता यह दिखाती है कि उनका फोकस वाकई मिडल ईस्ट को शांत करवाने पर है, चाहे इसके पीछे राजनीतिक रणनीति हो या 2026 की चुनावी बिसात.

क्या गाजा को मिलेगी 60 दिन की राहत?

अब सबकी नजर हमास पर टिकी है. क्या वह इस युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार करेगा या हालात और बिगड़ेंगे? इजरायल की सहमति के बाद गेंद हमास के पाले में है. अगर उसने इसे ठुकराया, तो यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है और इस बार शायद कहीं अधिक खतरनाक रूप में.

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