रेल अफसरों ने कहा कि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता के मानकों को बनाए रखने के लिए बड़े सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं.
Kochi: रेल प्रशासन अपने यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर रहता है.समय-समय पर रेल अधिकारी पैंट्री कार में छापा मारकर यात्रियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी जांचते रहते हैं. यदि भोजन में कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है.इसी सिलसिले में जांच के दौरान रेलवे को भोजन आपूर्ति करने वाले एक कैटरर के यहां बुधवार को बासी और एक्सपायर हो चुकी खाद्य सामग्री मिली. इस पर कार्रवाई करते हुए कैटरिंग फर्म पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
रेल अफसरों ने खानपान फर्म पर की कार्रवाई, एक लाख जुर्माना
रेलवे ने कहा कि सफाई मानकों में चूक के लिए कैटरर पर जुर्माना लगाया गया और IRCTC को उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. यह कार्रवाई भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) और रेलवे द्वारा एर्नाकुलम स्टेशन के पास अनुबंधित खानपान इकाई वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स में बासी और समाप्त हो चुकी खाद्य सामग्री मिलने के बाद की गई. बताया जाता है कि कैटरर ने वंदे भारत ट्रेनों में भी भोजन की आपूर्ति की थी. दक्षिण रेलवे प्रशासन ने जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित की थी. रेल अफसरों ने सफाई मानकों में खामियों के लिए खानपान फर्म (मेसर्स वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और IRCTC को कड़ी कार्रवाई करने की सलाह दी है. हालांकि वृंदावन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. कहा गया कि खानपान इकाई के पास एफएसएसएआई प्रमाणन लाइसेंस था. कोच्चि निगम अधिकारियों ने दावा किया कि वह बिना वाणिज्यिक लाइसेंस के काम कर रही थी.
फर्म के गोदाम में भी रखा हुआ था एक्सपायर हो चुका खाना
रेल अफसरों ने कहा कि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता के मानकों को बनाए रखने के लिए बड़े सुधारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं. इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि खानपान की दुकान नियमों का उल्लंघन कर भोजन और अन्य अपशिष्ट को पास की नहर में फेंकती पाई गई. अधिकारी ने बताया कि पास के एक गोदाम में एक्सपायर हो चुका खाना भी रखा हुआ था, जहां खानपान इकाई के कर्मचारी रह रहे थे.
बिना लाइसेंस काम कर रही थी कंपनी
अधिकारी ने कहा कि चूंकि इकाई निगम के लाइसेंस के बिना और नियमों का उल्लंघन कर काम कर रही थी, इसलिए इसे बंद कर दिया जाएगा और सील कर दिया जाएगा. क्षेत्र के नगरपालिका पार्षद ने बताया कि इकाई को नहर में कचरा न फेंकने के लिए कई चेतावनियां दी गई थीं और इसके लिए उस पर जुर्माना भी लगाया गया था, लेकिन इसकी गतिविधियों में कोई बदलाव नहीं आया. उन्होंने कहा कि कल स्थानीय निवासियों ने मुझे फोन करके बताया कि यहां से बदबू आ रही है और जब मैं यहां आया तो मुझे भी बदबू महसूस हुई. मैंने तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित किया.
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