IMD ने दिल्ली समेत नॉर्थ-वेस्ट भारत के मॉनसून की भविष्यवाणी कर दी है. माना जा रहा है कि जल्द ही दिल्लीवासियों को गर्मी के टॉर्चर से राहत मिलेगी.
Monsoon In North India: गर्मी की मार झेल रहे लोगों के लिए राहत की खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक, हीटवेव और उमस का टॉर्चर जल्द ही खत्म होने वाला है. IMD ने कहा कि 25 जून तक नॉर्थ-वेस्ट भारत के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून पहुंच जाएगा. आईएमडी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस हफ्ते रफ्तार पकड़ी है और ये तय समय से पहले ही दस्तक दे देगा. खबर है कि मॉनसून की पहली बारिश केरल के कुछ हिस्सों को 24 जून को भिगोएगी. बताया गया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर मजबूत निम्न-दबाव प्रणालियों की वजह से मॉनसून की गति बढ़ गई है. अहम ये है कि अभी उत्तर भारत को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. लू से हाल बेहार है और उस पर उमस ने हालत खराब की हुई है. IMD के मुताबिक, पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मॉनसून 18 जून तक पहुंचेगा.
मॉनसून कब पहुंचेगा दिल्ली?
IMD के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्लीवासियों को 22-23 जून तक भीषण गर्मी के टॉर्चर से निजात मिल सकती है यानी कि इतनी तारीख तक मॉनसून की बौछारें दिल्ली को भिगाएंगी. आमतौर पर एक जून तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल में दस्तक देता है और पूरे देश को ये आठ जुलाई तक कवर कर लेता है. जहां मॉनसून के 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटने की शुरुआत होती है तो वहीं 15 अक्टूबर तक इसकी विदाई हो जाती है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि झमाझम बारिश के बाद तापमान में जाहिर तौर पर गिरावट आएगी.
IMD का क्या था प्रेडिक्शन?
अहम ये है कि मौसम विभाग ने मई महीने में कहा था कि मॉनसून को कई कारक प्रभावित करते हैं और इसमें परिवर्तन भी होते रहते हैं. IMD के मुताबिक, जून से सितंबर महीने तक जारी रहने वाले मॉनसून के दौरान कई सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है. लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आस-पास के इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है. वहीं पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है. बता दें कि फसलों के लिहाज से भी मॉनसून काफी अहमियत रखता है. मॉनसून की बारिश जहां लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का समर्थन करती है तो वहीं सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देती है.
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