Introduction
Major Political Events 2025: साल 2025 के समाप्त होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. वर्ष 2025 में देश में सत्ता के गलियारों में काफी सियासी संघर्ष नजर आया. दिल्ली और बिहार में NDA ने रिकॉर्ड मतों से जीतकर राजनीतिक विश्लेषकों को आश्चर्य में डाल दिया. जबकि भाजपा ने नितिन नबीन को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर सबको चौंका दिया. उधर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल मचा दी. चुनाव आयोग का SIR भी विपक्ष के निशाने पर रहा.
Table Of Content
- दिल्ली में BJP की शानदार वापसी
- दिल्ली की CM रेखा गुप्ता पर हमला
- नितिन नबीन और यूपी में पंकज चौधरी को कमान
- RSS के 100 वर्ष पूरे
- बिहार में NDA को अभूतपूर्व जनसमर्थन
- जगदीप धनखड़ ने अचानक छोड़ा पद
दिल्ली में BJP की शानदार वापसी
भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP ने केंद्र के साथ-साथ कई राज्यों में जीत हासिल की. इस दौरान BJP दिल्ली की सत्ता पर काबिज नहीं हो पाई थी. बीते 27 साल से दिल्ली ही उत्तर भारत का एकमात्र राज्य था, जहां BJP कभी सरकार नहीं बना पाई थी. हालांकि इस वर्ष 48 सीटों के साथ BJP ने दिल्ली में भी जीत हासिल कर ली. साल 1993 में दिल्ली विधानसभा में BJP ने जीत हासिल की थी. उसे राज्य में 43% वोटों के साथ 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी. साल 2013 में जब दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री हुई थी और आप ने 28 सीटें जीतकर कांग्रेस के समर्थन से राज्य की सत्ता हासिल कर ली थी.
दिल्ली में भाजपा ने 27 वर्षों बाद जब 2025 में वापसी की तो तीसरी शक्ति के रूप में उभरी आम आदमी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई. दिल्ली में चुनाव इस साल फरवरी में हुए. आठ फरवरी को रिजल्ट आया. BJP ने 70 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 22 सीटों पर सिमट गई. कांग्रेस कोई सीट नहीं जीत पाई. BJP की यह जीत 27 वर्षों बाद हुई, जिससे केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त संकेत मिला. इस चुनाव के परिणाम ने राष्ट्रीय राजनीति में दलगत समीकरण बदल दिए.

दिल्ली की CM रेखा गुप्ता पर हमला
दिल्ली में जब BJP की सरकार बनी तो पार्टी की तेजतर्रार नेत्री रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया. CM बनने के बाद रेखा गुप्ता 20 अगस्त 2025 को सिविल लाइंस इलाके में स्थित अपने कैंप कार्यालय में जन सुनवाई कर रहीं थीं. इस दौरान उन पर हमला किया गया. इस हमले ने राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी. सीएम कार्यालय ने इस हमले को उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया था. पुलिस ने जांच के बाद हमले के आरोप में गुजरात के राजकोट निवासी राजेश खिमजीभाई (41) को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी पर हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया.
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने एक सपना देखा था, जिसके बाद यह कदम उठाया. राजेश खिमजीभाई ने पुलिस को बताया कि सपने में देखा कि एक शिवलिंग के बगल में बैठे कुत्ते ने उससे कहा कि दिल्ली में कुत्ते कष्ट में हैं. पुलिस चार्जशीट में कहा गया है कि राजेश खिमजी ने फेसबुक पर वीडियो देखे जिसमें कुत्तों की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जिम्मेदार ठहराते हुए लोग प्रदर्शन कर रहे थे. चार्जशीट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि राजेश खिमजी ने मई में अयोध्या में बंदरों के सवाल पर भूख हड़ताल की थी.
ये भी पढ़ेंः भारत के साथ मुक्त व्यापार से गदगद हुए न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री! कहा- ऐतिहासिक डील का मतलब…

नितिन नबीन और यूपी में पंकज चौधरी को कमान
कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नितिन नबीन और उत्तर प्रदेश में पंकज चौधरी को कमान देने के पीछे BJP की सोची-समझी रणनीति थी. राष्ट्रीय अध्यक्ष की चर्चाओं के बीच नितिन नबीन का नाम चौंकाने वाला था. नितिन नबीन के नाम की घोषणा होते ही राजनीतिक पंडित भी चकित रह गए. हालांकि नितिन नबीन की नियुक्ति के बाद उनकी कई सारी खूबियां गिनाई गईं. जैसे कि वह युवा हैं, अच्छे संगठनकर्ता हैं, लोगों से जुड़े हुए हैं, विवादों में नहीं हैं. नबीन ने बिहार में बांकीपुर विधानसभा सीट से पांचवीं बार जीत दर्ज की है.नबीन की घोषणा होने के बाद यह बात उभर कर सामने आई कि पार्टी नई पीढ़ी को आगे कर रही है.
नितिन नबीन 45 साल के हैं और नितिन गडकरी के बाद वे दूसरे सबसे युवा अध्यक्ष होंगे. जब नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो यह कहा गया कि ये काडर बेस्ड पार्टी ही कर सकती है. जहां पर किसी फैसले के पीछे पूरा संगठन बिना सोचे सपोर्ट करे कि ये किस जाति के हैं. जबकि उत्तर प्रदेश में पंकज चौधरी को अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे जाति समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया. BJP ने समाजवादी पार्टी के PDA समीकरण को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ और पंकज चौधरी के बीच काम को लेकर अच्छे संबंध हैं. दोनों एक ही इलाके से आते हैं.
ये भी पढ़ेंः बंगाल में SIR पर होगी सुनवाई, बनवाए गए 3,234 सेंटर; 32 लाख वोटरों को किया जाएगा कवर
RSS के 100 वर्ष पूरे, मना जश्न
इस साल की एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि RSS ने 27 सितंबर 2025 को स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिए. डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में की थी. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में RSS के योगदान को याद करते हुए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपए का स्मृति सिक्का जारी किया. नागपुर में आयोजित दशहरा उत्सव और अन्य कार्यक्रमों में देशभर से स्वयंसेवक शामिल हुए.

बिहार में NDA को अभूतपूर्व जनसमर्थन
बिहार में इस साल 6 और 11 नवंबर को चुनाव हुए. 14 नवंबर 2025 को परिणाम घोषित किए गए. सारे अनुमानों को गलत साबित करते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतकर भारी बहुमत से सत्ता हासिल किया. महागठबंधन महज 35 सीटों पर सिमट गया. भाजपा ने पहली बार बिहार में सबसे ज़्यादा सीटें जीतीं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना दसवां कार्यकाल शुरू किया.
ये भी पढ़ेंः अटल जी को नमन: पिता के साथ कॉलेज, देश के लिए कड़े फैसले, जानिए जीवन से जुड़े अनसुने किस्से

जगदीप धनखड़ ने अचानक छोड़ा पद
इस साल भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक पद छोड़कर सबको चौंका दिया. उन्होंने 21 जुलाई 2025 को अपने पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया. धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. धनखड़ के इस्तीफे के बाद 9 सितंबर 2025 को नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ, जिसमें NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुना गया.

चर्चाओं में रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)
साल 2025 में चुनाव आयोग का SIR काफी चर्चाओं में रहा. SIR को लेकर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़ा कर दिया. बिहार में SIR का मामला तो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. चुनाव आयोग ने 2025 में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी वोटरों को हटाना था. इसके बाद उत्तर प्रदेश, मप्र और पश्चिम बंगाल समेत अन्य 12 राज्यों में भी SIR शुरू हुआ. मप्र में 42.74 लाख नाम काटे गए, जबकि यूपी में करीब 3 करोड़ नाम काटे गए.
वंदे मातरम् पर संसद में हंगामा
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने के मौके पर इस शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा हुई. बहस के दौरान संसद में काफी हंगामा भी हुआ. हंगामे के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.
वन नेशन- वन इलेक्शन बिल
मोदी सरकार ने 2025 में संसद में One Nation- One Election Bill पेश किया. इसका उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है. संसद में विपक्षी दलों ने संघीय ढांचे, क्षेत्रीय राजनीति और लोकतांत्रिक संतुलन पर सवाल उठाए. लोकसभा में लंबी बहस के बाद इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया.
ये भी पढ़ेंः अरावली विवाद के बीच सरकार का बड़ा फैसला, नई माइनिंग पर लगाया प्रतिबंध, मैनेजमेंट प्लान बनाने का निर्देश
टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव
साल 2025 के समाप्त होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. इस साल टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव किए गए हैं. ऐसे में 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले नए नियम लोगों को काफी प्रभावित करेंगे. इस प्रक्रिया से ITR फाइलिंग आसान हो जाएगी. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों को PM किसान योजना के तहत भुगतान प्राप्त करने के लिए एक विशिष्ट किसान आईडी दी जाएगी. जिनके पास यह आईडी नहीं होगी, उन लाभार्थियों को भुगतान नहीं मिल पाएगा. नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी की बात यह है कि सातवें वेतन आयोग के 31 दिसंबर को समाप्त होने के बाद आठवें वेतन आयोग के 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है. बैंकों ने UPI और डिजिटल भुगतान के साथ-साथ पैन-आधार लिंकिंग से संबंधित नियमों को और सख्त कर दिया है. 1 जनवरी से अधिकांश बैंकिंग और सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए पैन-आधार लिंकिंग अनिवार्य होगी. लिंक न होने से बैंकिंग और सरकारी सेवाएं बंद की जा सकती हैं.
Conclusion
साल 2025 के समाप्त होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. वर्ष 2025 में देश में सत्ता के गलियारों में काफी सियासी संघर्ष नजर आया. साल भर SIR चर्चा में रहा. राहुल गांधी के निशाने पर चुनाव आयोग रहा. दिल्ली और बिहार के चुनाव परिणाम ने भी राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाया. अटकलों के बीच रेखा गुप्ता ने दिल्ली की कमान संभालकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया. One Nation- One Election Bill पर भी विपक्ष ने अपना विरोध जताया. जगदीप धनखड़ का भी अचानक उपराष्ट्रपति पद छोड़ना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा. विपक्ष ने भी धनखड़ के मुद्दों को जोरशोर से उठाया. BJP ने नितिन नबीन को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर अपनी युवा सोच को पुख्ता किया है.
