बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लाइव टाइम्स के कॉन्क्लेव में बिहार में रोजगार की स्थिति पर बात की.
Jitan Ram Manjhi: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी मंगलवार (10 जून, 2025) को न्यूज चैनल लाइव टाइम्स के कॉन्क्लेव में शामिल हुए. इस दौरान जीतन राम मांझी से कई मुद्दों को लेकर सवाल पूछे गए. मांझी से राज्य के रोजगार की स्थिति और बिहार की मिशन विकसित भारत के लक्ष्य में कंट्रीब्यूट पर सवाल पूछे गए तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से सारे सवालों के जवाब दिए. जीतन राम मांझी से सवाल पूछा गया कि जब मिशन 2047 के लक्ष्य को प्रधानमंत्री जी ने रखा है और उसमें अगर राज्य की भूमिका को देखें तो बिहार की भूमिका को एमएसएमई से निकलते हुए आप कैसे देखते हैं और बिहार की जो अभी स्थिति है इसमें बिहार उस पूरे मिशन में किस तरह से कंट्रीब्यूट कर सकता है? मांझी ने जवाब देते हुए कहा, “जब हमारे विभाग की बात करते हैं तो विभाग के बारे में बताना चाहता हूं कि हमारा जो एमएसएमई विभाग है उसको दो तीन पार्ट में बांट करके देखा जा सकता है एक उसका मेजर ऑर्गन है वह है ग्राम और ग्राम उद्योग जिसको केवीआईसी कहते हैं उसमें ₹1 लाख 80 हजार करोड़ का हम लोगों ने निवेश किया है. उसमें पूंजी लगा के लोगों को वितरण किया है जो किसी भी हमारे ऑर्गन से ज्यादा है और इसमें ज्यादा लोग लगे हुए हैं उसके बाद हमारे यहां आता है एनएसआईसी मतलब नेशनल स्मॉल इंडस्ट्री कॉरपोरेशन उसके माध्यम से भी जैसे छोटे-छोटे उद्योगों को उद्यमियों को ट्रेनिंग देकर उनको फाइनेंशियल सपोर्ट करके और फाइनेंशियल सपोर्ट जब हम करते हैं तो आप लोगों को यह भी बताना चाहते हैं कि इस विभाग को और खास करके बिहार के लोगों को तो जरूर है हो सकता है बिहार का ही नजर पड़ी होगी हमारे प्रधानमंत्री को इसीलिए जो हम एंटरप्रेन्यर्स को देते हैं तो उसमें बैंक गारंटी हम लोग देते हैं. बैंक गारंटी के साथ-साथ उसको सब्सिडी देते हैं तो उसका भी विकास हमारे यहां हो रहा है.”
किस बोर्ड का मांझी ने किया जिक्र?
जीतन राम मांझी ने कहा, “हम स्पष्ट रूप में कहना चाहते हैं वो है क्वायर बोर्ड जिसका नाम आप लोग भी बहुत नहीं जानते होंगे, हम भी नहीं जानते थे लेकिन एक्सपोर्ट में सबसे बड़ा योगदान हमारे इसी बोर्ड का है. नारियल का जो फल होता है नारियल के सामान होते उससे उसके स्टफ से खाद बनाया जाता है कपड़ा बनाया जाता है और बहुत तरह का टाट है, ये पर्दा है, ये सारी बात हमारे बोर्ड से ही बनता है और उसकी भी यहां पर बहुत संभावनाएं हैं. इस विभाग को तो कोशिश कर रहे हैं कि क्वायर बोर्ड के दफ्तर को यहां पर चलायमान बनाएं और यहां पर से ही हम लोग एक्सपोर्ट करें जैसे अभी कोच्ची में है केरल में है वहां से सारा कार्यक्रम चलता है हम चाह रहे हैं कि उसका एक बड़ा भाग भी बिहार में आए.”
बच्चों के रोजगार पर कही ये बात
जीतन राम मांझी ने कहा, “कुछ बच्चे कांच को तो कुछ स्पेयर पार्ट्सॉ को कलेक्ट करते हैं और बेचते हैं उसी प्रकार से इस चीज को नारियल के फल को भी एक साथ जमा करके किया जाएगा और फिर हम बोर्ड का जो कार्यक्रम है उसको अपना करके उसको आगे बढ़ाएंगे तो लोगों को रोजगार मिलेगा. रोजगार के साथ-साथ हम अनेक जो आज दरी मंगाते हैं, टाट मंगाते हैं पर्दा मंगाते हैं और इसे बाहर से भी मंगाते हैं तो ज्यादा दाम लगता है. हम जब यहां उत्पादन करेंगे तो निश्चित है कि कम दाम पर मिलेगा तो इसलिए बिहार में उसका भी एक्सपेंशन की आवश्यकता थी उस ओर आगे हम बढ़े हैं और जैसे हमने पहले कहा कि केवीआईसी का एक शोरूम यहां आप पटना में देख रहे हैं हमारा कहना है कि जब तक हर डिस्ट्रिक्ट के हेड क्वार्टर में उसका शोरूम नहीं रहेगा तो निश्चित है कि उसका एक्सपेंशन कम होगा. इसी के लिए कहा है एक एक्सपेरिमेंटल सेंटर इसका होता है अभी गया में खुलवाने के लिए जमीन वगैरह का प्रबंध कर लिया है और जितना बिहार के अन्य बड़े-बड़े जो टाउन है वो सब में भी एक्सपेरिमेंटल सेंटर बनाएंगे और बोर्ड का भी वहां विस्तार करेंगे. बहुत लोगों को उससे रोजगार भी मिलेगा.”
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