LT XChange Bihar: राज्यपाल ने पीएम मोदी के मजबूत फैसलों की सराहना की और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को कई बार धोखा दिया है.
LT XChange Bihar: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने LT XChange कार्यक्रम में पूछे गए सवालों के जवाब में गहन विचार व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों, सामाजिक संरचना, और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण को साझा किया. उन्होंने अपने पुराने अनुभव का जिक्र करते हुए बताया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान यात्रा पर जा रहे थे, तब उन्हें भी साथ जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. उनका मानना था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत समय और ऊर्जा की बर्बादी है, क्योंकि वह एक ऐसा देश है जहां सेना का वर्चस्व है और वह भारत के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना ही वहां की सबसे मजबूत संस्था है, जो चुने हुए प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों को भी हटा सकती है. फिर भी, अटल जी के आग्रह पर उन्होंने राष्ट्रीय दायित्व के लिए यात्रा स्वीकार की थी, लेकिन उनका दृष्टिकोण था कि ऐसी वार्ताएं व्यर्थ हैं.
पीएम मोदी के मजबूत फैसलों की सराहना
राज्यपाल ने पीएम मोदी के मजबूत फैसलों की सराहना की और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को कई बार धोखा दिया है, और अब समय है कि मजबूत कदम उठाए जाएं. इसके साथ ही, उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति और गरीबी के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने मिशन 47 का जिक्र किया, जिसमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है, और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने की योजना की प्रशंसा की. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय अभी भी कम है, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में.
मुंबई से लेकर त्रिवेंद्रम तक बिहारी लोग हर क्षेत्र में मौजूद
उन्होंने बिहार की स्थिति पर विशेष जोर दिया और कहा कि बिहार के लोग देश के हर कोने में अपनी मेहनत और क्षमता से योगदान दे रहे हैं. उन्होंने उदाहरण दिया कि मुंबई से लेकर त्रिवेंद्रम तक बिहारी लोग हर क्षेत्र में मौजूद हैं और भारत को चलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने बिहार की पहचान पर जोर देते हुए कहा कि बिहार के बाहर हर बिहारी को “बिहारी” के रूप में ही जाना जाता है, लेकिन बिहार के अंदर लोग अपनी जाति और समुदाय से अधिक पहचाने जाते हैं.
सामाजिक संरचना में जाति व्यवस्था पर क्या कहा?
राज्यपाल ने सामाजिक संरचना में जाति व्यवस्था की कमियों को उजागर किया. उन्होंने एक घटना का जिक्र किया, जहां एक वकील ने उनसे जज की जाति के बारे में पूछा, जिसे उन्होंने सामाजिक बीमारी बताया. उनका कहना था कि जाति का सामाजिक महत्व हो सकता है, लेकिन यह पहचान रिश्तों में बाधा नहीं बननी चाहिए. उन्होंने जेएनयू के एक प्रोफेसर की किताब का हवाला देते हुए कहा कि सामाजिक और धार्मिक समूहों के बीच दीवारें खड़ी करना समाज के लिए हानिकारक है.
भारत की सांस्कृतिक विरासत को लेकर भी साझा किए विचार
उन्होंने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत केवल मनुष्यों से नहीं, बल्कि प्रकृति और जीव-जंतुओं से भी जुड़ा हुआ है. गरीबी को केवल आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक दृष्टिकोण से भी देखने की जरूरत है. उन्होंने कुरान की एक आयत का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि परमात्मा तब तक किसी की स्थिति नहीं बदलता, जब तक वह स्वयं अपने अंदर बदलाव न लाए.
गरीबी से लड़ने के लिए मानसिक और सामाजिक परिवर्तन की जरूरत
अंत में, उन्होंने संविधान निर्माताओं का हवाला देते हुए कहा कि भारत की पराधीनता के लिए दो चीजें जिम्मेदार थीं: ऊंच-नीच की सामाजिक व्यवस्था और धर्म के आधार पर अलग निर्वाचन क्षेत्र. इन दोनों का उन्मूलन आवश्यक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह लोगों को अपनी जातीय पहचान भूलने के लिए नहीं कह रहे, लेकिन यह पहचान दूसरों के साथ रिश्तों में बाधक नहीं बननी चाहिए. गरीबी से लड़ने के लिए मानसिक और सामाजिक परिवर्तन की जरूरत है, ताकि भारत एक समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बन सके.
ये भी पढ़ें..Live Times के कॉन्क्लेव में जीतन राम मांझी ने बिहार के रोजगार पर कही बड़ी बात