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US टैरिफ से तमिलनाडु को लगा 15,000 करोड़ का झटका, CM स्टालिन ने PM मोदी से मांगा समाधान

by Live Times
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CM Stalin Appeal to PM

CM Stalin Appeal to PM: मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे द्विपक्षीय समझौते के माध्यम से टैरिफ के समाधान को प्राथमिकता दें.

18 December, 2025

CM Stalin Appeal to PM: भारतीय उद्योग पर अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ का भारी प्रभाव पड़ा है. इसी तरह तमिलनाडु में भी टैरिफ के कारण उद्दोग पर संकट गहरा गया है. तमिलनाडु के एक्सपोर्ट सेक्टर में बढ़ते संकट को लेकर चिंतित, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे जल्द से जल्द द्विपक्षीय समझौते के माध्यम से इस टैरिफ के समाधान को प्राथमिकता दें.

तमिलनाडु को हुआ 15,000 करोड़ का नुकसान

भारत की निटवियर राजधानी तिरुपुर में, एक्सपोर्टर्स ने कन्फर्म ऑर्डर में 15,000 करोड़ रुपये के भारी नुकसान की सूचना दी है, साथ ही यूनिट्स में 30 प्रतिशत तक प्रोडक्शन में कटौती भी की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा, “नए ऑर्डर भी खतरनाक दर से कम हो रहे हैं. इससे तिरुपुर, कोयंबटूर, इरोड और करूर जिलों में एक्सपोर्टर्स को रोजाना 60 करोड़ रुपये का कुल नुकसान हो रहा है, जिससे कई छोटे और मध्यम उद्यम बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं.” प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में स्टालिन ने तर्क दिया कि मौजूदा व्यापार गतिरोध सिर्फ एक आर्थिक झटका नहीं है, बल्कि टैरिफ से होने वाले अपूरणीय नुकसान के कारण एक बड़ा मानवीय संकट भी है.

नौकरियों पर संकट

मुख्यमंत्री ने बताया, “जैसा कि आप जानते हैं, हमारा राज्य भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र के एक्सपोर्ट का आधार है, जो देश के कपड़ा एक्सपोर्ट में 28 प्रतिशत का योगदान देता है और लगभग 75 लाख श्रमिकों को रोजगार देता है. इसी तरह, भारत के चमड़े और जूते के एक्सपोर्ट में हमारी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी भी महत्वपूर्ण है, जिसमें 10 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिलता है.” ये टैरिफ मुनाफे के मार्जिन को कम कर रहे है और एक्सपोर्टर्स को अपने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए भारी छूट देने के लिए मजबूर कर रहे है, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता और व्यवहार्यता कम हो रही है. इसके दूरगामी परिणाम गंभीर हैं- लाखों नौकरियां खतरे में हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में पहले से ही छंटनी और वेतन में देरी देखी जा रही है.

‘टैरिफ मुद्दे के समाधान को प्राथमिकता दें’

सीएम स्टालिन ने आगे लिखा, इससे भी बुरी बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय खरीदार तेजी से वियतनाम, बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे प्रतिस्पर्धियों की ओर ऑर्डर भेज रहे हैं, जिन्हें वर्तमान में हमसे अधिक टैरिफ का फायदा है. उन्होंने आगे कहा, “एक बार जब ये बाजार हाथ से निकल जाएंगे, तो उन्हें वापस पाना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि स्थापित सप्लाई चेन शायद ही कभी वापस आती हैं. इसके हमारे युवाओं, खासकर महिलाओं के भविष्य के रोजगार की संभावनाओं पर गंभीर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेंगे. इस संदर्भ में, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि जल्द से जल्द द्विपक्षीय समझौते के माध्यम से इस टैरिफ मुद्दे के समाधान को प्राथमिकता दें.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक त्वरित निर्णय न केवल हमारे एक्सपोर्टर्स की किस्मत को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि एक विश्वसनीय वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा. प्रधानमंत्री की निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने और घरेलू उद्योगों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता पर भरोसा जताते हुए, स्टालिन ने कहा कि वह इस गतिरोध के जल्द समाधान की उम्मीद करते हैं.

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