Aaj Ka Panchang: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त के अनुसार, 10 मई 2025 को शनिवार के दिन देश की राजधानी नई दिल्ली में अद्भुत पंचांगीय योग बन रहे हैं. इस दिन सूर्योदय प्रातः 5 बजकर 33 मिनट पर हुआ, जबकि सूर्यास्त संध्या 7 बजकर 2 मिनट पर होगा.
Aaj Ka Panchang: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त के अनुसार, 10 मई 2025 को शनिवार के दिन देश की राजधानी नई दिल्ली में अद्भुत पंचांगीय योग बन रहे हैं. इस दिन सूर्योदय प्रातः 5 बजकर 33 मिनट पर हुआ, जबकि सूर्यास्त संध्या 7 बजकर 2 मिनट पर होगा.
चंद्रमा, तिथि, नक्षत्र और योग की स्थिति
चंद्रमा का उदय शाम 5 बजकर 7 मिनट पर होगा, और चंद्रास्त अगली भोर 4 बजकर 25 मिनट पर होगा. तिथि की बात करें तो त्रयोदशी तिथि शाम 5 बजकर 29 मिनट तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी आरंभ हो जाएगी. नक्षत्र चित्रा रहेगा, जो रात 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगा, फिर स्वाती नक्षत्र प्रारंभ होगा. योग की दृष्टि से ‘सिद्धि’ योग 11 मई को सुबह 4:01 तक रहेगा, जो शुभ माना जाता है.
ग्रह स्थिति, ऋतु और मुहूर्त
चंद्रमा इस दिन दोपहर 1:42 बजे तक कन्या राशि में और फिर तुला राशि में प्रवेश करेगा. सूर्य मेष राशि में स्थित रहेगा और भरणी नक्षत्र के चतुर्थ चरण में भ्रमण करेगा. ऋतु की दृष्टि से यह काल ग्रीष्म ऋतु के अंतर्गत आता है जबकि वैदिक ऋतु वसन्त मानी जा रही है. दिनमान 13 घंटे 28 मिनट का है जबकि रात्रि 10 घंटे 30 मिनट की होगी.
इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:51 से 12:45 तक रहेगा जो किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है. विजय मुहूर्त दोपहर 2:32 से 3:26 तक रहेगा, जबकि गोधूलि मुहूर्त शाम 7:01 से 7:22 तक शुभ माने जाएंगे. वहीं अमृत काल रात 8:01 से 9:50 तक रहेगा। विशेष बात यह है कि इस दिन रात 3:15 से अगले दिन सुबह 5:33 तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जो किसी भी कार्य को पूर्णता की ओर ले जाता है.
अशुभ समय, दिशाशूल और धार्मिक महत्व
अशुभ समय की बात करें तो राहुकाल सुबह 8:56 से 10:37 तक रहेगा, जबकि यमगण्ड का समय दोपहर 1:59 से 3:40 तक रहेगा. गुलिक काल सुबह 5:33 से 7:15 तक और दुर्मुहूर्त दो बार- प्रातः 5:33 से 6:27 और 6:27 से 7:21 तक रहेगा. इस दिन रोग बाण प्रभाव में रहेगा जो शाम 8:53 से रात्रि भर रहेगा, अतः इस दौरान चिकित्सा संबंधी कार्यों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
शास्त्रों के अनुसार होमाहुति हेतु चंद्रमा का वास शुभ माना गया है और दिशा शूल पूर्व दिशा में है, इसलिए इस दिशा में यात्रा करने से पहले गुड़ या तुलसी का सेवन कर लें. तमिल पंचांग के अनुसार यह दिन मरण योग में रहेगा, जो कि विशेष कार्यों हेतु वर्जित होता है.
ऐसे योगों वाले दिन धार्मिक आचरण, जप, ध्यान, व्रत, और विशेष पूजा-पाठ से जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. त्रयोदशी तिथि विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है, अतः इस दिन शिव अभिषेक, रुद्राष्टक पाठ और बेलपत्र अर्पण अत्यंत फलदायक रहेगा.
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