एसडीएम मनु हंसा ने बताया कि सरस्वती धाम आधिकारिक टोकन केंद्र है. आज (30 जून) से टोकन वितरण शुरू हो गया है और कल (1 जुलाई) से पंजीकरण शुरू होगा.
Jammu-Kashmir: बहुप्रतीक्षित अमरनाथ यात्रा के लिए टोकन वितरण सोमवार (30 जून) से जम्मू में शुरू हो गया. भारी बारिश के बावजूद टोकन के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह रहा. जम्मू में सरस्वती धाम के बाहर और आश्रय स्थलों में टोकन लेने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें थीं. भगवान शिव से आशीर्वाद लेने के लिए 13 लोगों के समूह के साथ आए महाराष्ट्र के एक भक्त ने कहा कि हम पूरे उत्साह के साथ यहां आए हैं. हाल ही में पहलगाम हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम पहलगाम हमले से नहीं डरते. अगर डरते तो हम बाबा (भगवान शिव) से आशीर्वाद लेने नहीं आते.

आधिकारिक टोकन केंद्र है सरस्वती धाम
अमरनाथ यात्रा पर 2017 में हुए हमले के गवाह पंजाब के एक अन्य भक्त ने कहा कि मैं 1991 से यहां आ रहा हूं और यह चौथी बार है जब मैं भक्तों से भरी बस के साथ आया हूं. जब आखिरी हमला (2017 में) हुआ था, तो हम वहीं सबसे ऊपर थे. यह भगवान शिव की कृपा थी कि हमारे समूह के सभी सदस्य सुरक्षित थे. उन्होंने कहा कि हम ऐसे हमलों से नहीं डरते. जम्मू दक्षिण के एसडीएम मनु हंसा ने मौजूदा व्यवस्थाओं की जानकारी दी और कहा कि सरस्वती धाम आधिकारिक टोकन केंद्र है. आज (30 जून) से टोकन वितरण शुरू हो गया है और कल से पंजीकरण शुरू होगा. पंजीकरण के लिए तीन निर्दिष्ट केंद्र हैं: वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा.
सुबह 7 बजे खुलता है टोकन केंद्र
उन्होंने बताया कि टोकन बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों के लिए जारी किए जा रहे हैं, प्रत्येक के लिए छह काउंटर बनाए गए हैं. हम सभी भक्तों से किसी भी धोखाधड़ी के झांसे में न आने की अपील करते हैं, क्योंकि यह एकमात्र अधिकृत टोकन वितरण केंद्र है. टोकन केंद्र सुबह 7 बजे खुलता है और सभी टोकन वितरित होने तक चालू रहता है. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू पुलिस ने शहर भर में कई चौकियां स्थापित की हैं. यह तीर्थयात्रा दो मार्गों से शुरू होगी, जो 38 दिनों तक चलेगी. अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर का पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में छोटा लेकिन अधिक ढलान वाला 14 किलोमीटर का बालटाल मार्ग. 3,880 मीटर ऊंचे अमरनाथ गुफा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के लिए रवाना होगा.
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