Gangster Harsimran: भारत में कई गंभीर मामलों में नामजद गैंगस्टर को बैंकांक में गिरफ्तार कर लिया गया. वह गैंगस्टर गोल्डी ढिल्लो के संपर्क में था.
Gangster Harsimran: भारत में कई गंभीर मामलों में नामजद गैंगस्टर को बैंकांक में गिरफ्तार कर लिया गया. वह गैंगस्टर गोल्डी ढिल्लो के संपर्क में था. गोल्डी की मदद से वह भारत में अपने आपराधिक कामों को अंजाम देने की फिराक में था. आरोपी फर्जी पासपोर्ट पर देश छोड़कर भाग गया था. सरकार गैंगस्टर को भारत ले आई. पुलिस ने शनिवार को बताया कि आरोपी विदेशी गैंगस्टर गोल्डी ढिल्लो की मदद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने आपराधिक नेटवर्क का विस्तार करने की कोशिश कर रहा था. पुलिस ने बताया कि पूर्वी शालीमार बाग निवासी आरोपी हरसिमरन उर्फ बादल उर्फ सिमरन (38) को भारतीय केंद्रीय एजेंसियों और थाई अधिकारियों के प्रयासों के बाद 26 नवंबर को बैंकॉक से दिल्ली प्रत्यर्पित किया गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी हरसिमरन ने गोरखपुर से राजेश सिंह की फर्जी पहचान के तहत पासपोर्ट हासिल किया और यूरोप स्थित गैंगस्टर गोल्डी ढिल्लों की मदद से इस साल जनवरी में बैंकॉक के लिए उड़ान भरी. इसके बाद वह दुबई गया .
फर्जी पासपोर्ट पर भागा था विदेश
ढिल्लो के सहयोगियों की मदद से अमेरिका और यूरोप पहुंचने का प्रयास किया. पुलिस ने कहा कि अजरबैजान और बाद में बेलारूस-लातविया-पोलैंड मार्ग के माध्यम से यूरोप में प्रवेश करने के उसके प्रयास विफल हो गए. वह वीजा विस्तार के लिए बैंकॉक लौटा और भारतीय एजेंसियों द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर उसे बैंकाक में हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने बताया कि जाली पहचान के तहत प्राप्त उसके पासपोर्ट को विदेश मंत्रालय ने रद्द कर दिया, जिससे उसके निर्वासन में आसानी हुई. पुलिस ने कहा कि हरसिमरन को दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया. उसे भारतीय न्याय संहिता और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज एक प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया है. हरसिमरन का एक लंबा आपराधिक इतिहास है. उसका नाम 23 मामलों में है, जिसमें जबरन वसूली, हत्या, हत्या का प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत अपराध शामिल हैं. भारत से भागने के बाद आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज एक मामले के एक प्रमुख गवाह को धमकाया. उसने गवाह को बयान से पलटने के लिए कहा और उससे 50 लाख रुपये की मांग की.
जारी था लुकआउट सर्कुलर
अधिकारी ने बताया कि इसके आधार पर इस साल की शुरुआत में मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में गैंगस्टर के खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की गई थी. जमानत पर रिहा होने के बाद हरसिमरन ने कम से कम 14 मामलों में अदालती सुनवाई में शामिल होना बंद कर दिया. पुलिस ने बताया कि हरसिमरन ने दिल्ली और महाराष्ट्र में पहलवान के रूप में शुरुआत की. इसके बाद बुराड़ी, सागरपुर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली में सक्रिय गैंगस्टरों के संपर्क में आने के बाद अपराध में शामिल हो गया. बाद में उसने ढिल्लो के गिरोह के सदस्यों के साथ गठजोड़ किया और अमेरिका व यूरोप से अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाने की योजना बनाई. बताया जाता है कि 2010 के एक हत्या मामले में एक अन्य आरोपी महेंद्र सिंह की गिरफ्तारी से पुलिस हरसिमरन तक पहुंची. पूछताछ के दौरान महेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि उसके पास से जब्त हथियार और गोला-बारूद हरसिमरन से मिले थे. हरसिमरन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था.
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