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हिचकोले खाती रुपये की नाव! रिकॉर्ड Low से वापसी, जानें क्यों चमका आज का मार्केट मूड

by Preeti Pal
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हिचकोले खाती रुपये की नाव! रिकॉर्ड लो से वापसी, जानें क्यों चमका आज का मार्केट मूड

Rupee Recover: बुधवार को अपने ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंचने के बाद आज यानी गुरुवार को थोड़ा रिकवर होता दिखा. जानें इसके पीछे की वजह.

04 December, 2025

Rupee Recover: भारतीय रुपया गुरुवार को आखिरकार अपनी गिरावट की लहर से बाहर निकला. रिकॉर्ड लो लेवल छूने के बाद रुपया 19 पैसे मजबूत होकर 89.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. ये रिकवरी कई वजहों से दिलचस्प भी रही और राहत देने वाली भी. दरअसल, फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, अमेरिकी ADP नॉन फार्म पेरोल का डेटा उम्मीद से काफी कमजोर आया, जिससे डॉलर इंडेक्स में नरमी दिखी. यही कमजोरी रुपये के लिए लो लेवल पर सपोर्ट बन गई. इसके अलावा रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि RBI की दखलअंदाजी ने रुपये की गिरावट को रोकने में मदद की.

कमज़ोर हुई शुरुआत

गुरुवार सुबह रुपया कमजोर होकर 90.36 पर खुला और शुरुआती ट्रेड में 90.43 के नए ऑल-टाइम लो तक फिसल गया. फॉरेन इन्वेस्टर्स की बिकवाली और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने पहले ही माहौल भारी कर रखा था. इसके ऊपर भारत-अमेरिका ट्रेड डील की अनाउंसमेंट में देरी ने भी मार्केट सेंटीमेंट और डगमगाया. हालांकि, दिन के अंत में तस्वीर बदली और रुपया 89.96 पर संभल गया. वहीं, एक दिन पहले बुधवार को पहली बार रुपया 90 के पार बंद हुआ था.

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GDP पर असर

आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि रुपये की गिरावट का न तो महंगाई पर बड़ा असर पड़ रहा है और न ही एक्सपोर्ट पर. हालांकि, इम्पोर्ट महंगा होने से जेम्स एंड जूलरी, पेट्रोलियम और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टरों पर दबाव आ सकता है. दूसरी तरफ, डॉलर इंडेक्स 98.84 पर हल्की गिरावट के साथ रहा. वहीं, ब्रेंट क्रूड 62.81 डॉलर प्रति बैरल पर 0.22 प्रतिशत बढ़ा. हालांकि, रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के अनुसार, FII की लगातार बिकवाली, घरेलू मार्केट का कमजोर ट्रेंड और बड़े हुए क्रूड प्राइस रुपये पर दबाव बनाए रख सकते हैं. मगर कमजोर अमेरिकी डेटा और दिसंबर में फेड के रेट कट की उम्मीदें रुपये को नीचे के लेवल पर सपोर्ट दे सकती हैं.

RBI की पॉलिसी

RBI की 6 सदस्यीय कमेटी अपनी पॉलिसी का ऐलान शुक्रवार को करेगी. यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब GDP ग्रोथ उम्मीद से बेहतर है. साथ ही महंगाई गिर रही है और राजनीतिक तनाव लगातार बने हुए हैं. वहीं, ताज़ा HSBC इंडिया सर्विसेज PMI नवंबर में बढ़कर 59.8 पर पहुंचा, जो मजबूत नई मांगों का इशारा है.

शेयर बाजार

घरेलू मार्केट में सेंसेक्स 158.51 पॉइंट चढ़कर 85,265.32 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 47.75 पॉइंट बढ़कर 26,033.75 पर रहा. बुधवार को फॉरेन इन्वेस्टर्स ने 3,206 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की थी. कुल मिलाकर रुपये की ये रिकवरी भले ही राहत देती है, लेकिन बाज़ार की हलचल और ग्लोबल ट्रेंड बताते हैं कि अभी भी हालात सेंसिटिव हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में RBI के फैसले और अमेरिका के आर्थिक संकेत तय करेंगे कि रुपया फिर स्टेबल होता है या इसमें नए उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे.

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