Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी भीषण गोलाबारी ने पूरे पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा कर दी है. इजरायल का दावा है कि उसने तेहरान के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है.
Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा और निकासी के लिए त्वरित कदम उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया है, ताकि ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों को तत्काल सहायता प्रदान की जा सके. इसके साथ ही, सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और व्हाट्सएप संपर्क चैनल जारी किए हैं, जिससे प्रभावित नागरिक और उनके परिजन सहायता प्राप्त कर सकें.
कुछ दिनों से जारी भीषण गोलाबारी
इजरायल और ईरान के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी भीषण गोलाबारी ने पूरे पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा कर दी है. इजरायल का दावा है कि उसने तेहरान के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है, जबकि ईरान ने तेल अवीव सहित इजरायल के कई शहरों पर मिसाइल हमले किए हैं. इस तनावपूर्ण स्थिति में ईरान में रह रहे लगभग 10,000 भारतीय नागरिक, जिनमें से 6,000 छात्र हैं, फंस गए हैं. इनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर के छात्र हैं, जो ईरान की विभिन्न यूनिवर्सिटियों में चिकित्सा और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं.
हेल्पलाइन नंबर किए गए जारी
भारत सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की है. विदेश मंत्रालय ने कंट्रोल रूम के लिए टोल-फ्री नंबर 1800118797 और अन्य हेल्पलाइन नंबर (+91-11-23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905, +91-9968291988 (व्हाट्सएप)) जारी किए हैं. इसके अलावा, ईमेल पता situationroom@mea.gov.in भी उपलब्ध कराया गया है. तेहरान में भारतीय दूतावास ने भी आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (+98 9128109115, +98 9128109109) और व्हाट्सएप नंबर (+98 901044557, +98 9015993320, +91 8086871709) जारी किए हैं. बंदर अब्बास और जाहेदान में क्रमशः +98 9177699036 और +98 9396356649 नंबर उपलब्ध हैं.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दूतावास ईरान में मौजूद भारतीयों, विशेषकर छात्रों, के साथ निरंतर संपर्क में है. कुछ छात्रों को तेहरान से कौम और उर्मिया से आर्मेनिया सीमा की ओर रीलोकेट किया जा चुका है. ईरान सरकार ने भारत के अनुरोध पर सभी जमीनी सीमाओं को निकासी के लिए खुला रखने की सहमति दी है, हालांकि हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण हवाई मार्ग से निकासी संभव नहीं है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया आश्वासन
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संकटग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया है. उन्होंने यूएई के विदेश मंत्री और अन्य क्षेत्रीय नेताओं से बातचीत की है, ताकि निकासी प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके. जम्मू-कश्मीर के छात्र संगठनों और परिवारों ने सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, जिसके जवाब में सरकार ने निकासी के लिए वैकल्पिक रास्तों की तलाश शुरू कर दी है. भारतीय दूतावास ने नागरिकों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और दूतावास के सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से अपडेट्स लेने की अपील की है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह स्थिति पर निरंतर नजर रख रही है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
ये भी पढ़ें..अजरबैजान ने ईरान से निकाले विदेशी नागरिक! MEA बोला- राजनयिक संबंध काम करते रहेंगे