मंत्री ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विभाग में इस तरह की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
New Delhi: कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान तैनाती के लिए त्रिपुरा से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को ले जाने के लिए जर्जर और गंदे डिब्बों वाली एक ट्रेन उपलब्ध कराए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया. इस मामले में रेल मंत्री ने कड़ा एक्शन लेते हुए चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया और जांच के आदेश दिए. बुधवार को जारी रेल मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, मंत्री ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विभाग में इस तरह की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
त्रिपुरा से जम्मू तवी के लिए जाना था जवानों को
यह कार्रवाई पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन द्वारा एक्स पर एक पोस्ट में आरोपों को खारिज करने के एक दिन बाद हुई. 13 कंपनियों से के लगभग 1,200 बीएसएफ जवानों को 6 जून को त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू तवी के लिए एक विशेष ट्रेन में सवार होना था. ट्रेन को बीच में कुछ स्थानों पर रुकना पड़ा. त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में चार स्थानों से जवानों को इकट्ठा करना पड़ा. अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन 9 जून को बीएसएफ को उपलब्ध कराई गई थी और जब उन्होंने इसकी खराब और गंदी स्थिति देखी, तो जवानों ने एक कोच का निरीक्षण करते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया. कोचों की अस्वीकार्य स्थिति को दर्शाने वाले वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे को विभिन्न हलकों से आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने इस पर ध्यान दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कसा तंज
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि यह तब होता है जब सरकार का पूरा ध्यान कुछ चमकदार ट्रेनों के पीआर पर होता है, जबकि आम जनता जानवरों की तरह यात्रा करने के लिए मजबूर होती है. अमरनाथ यात्रा ड्यूटी पर जा रहे हमारे बीएसएफ जवानों के लिए गंदगी, तिलचट्टों और टूटी सीटों से भरी एक गंदी ट्रेन उपलब्ध कराने के लिए @narendramodi और @ashwinivaishnaw को शर्म आनी चाहिए. रेल मंत्रालय के प्रेस नोट में कहा गया है कि अलीपुरद्वार रेल डिवीजन के तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियरों और एक कोचिंग डिपो अधिकारी को रेल मंत्री ने निलंबित कर दिया है.
सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरिः रेल मंत्री
रेल मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और इस तरह की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस तरह की घटना भविष्य में न हो, इसके लिए जांच के भी आदेश दिए गए हैं. ये जवान जम्मू-कश्मीर में 3 जुलाई से होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्र सरकार द्वारा की जा रही केंद्रीय बलों की अतिरिक्त तैनाती का हिस्सा थे. 10 जून को, नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) जोन, जिसके अंतर्गत अलीपुरद्वार रेल डिवीजन आता है, ने एक सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देते हुए जर्जर कोच उपलब्ध कराने के आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रेन का एक वीडियो दिखाया गया था.
गंदे कोच उपलब्ध कराने का आरोप गलतः रेलवे
एनएफआर (NFR) ने पोस्ट किया था, “बीएसएफ को यात्रा के लिए इस तरह के कोच उपलब्ध कराने का आरोप गलत है. आवश्यक रखरखाव, मरम्मत और सफाई के बाद ही कोच यात्रा के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं. यह वीडियो एक बिना जांचे गए कोच का है, जिसे मरम्मत के लिए भेजा जा रहा था. यह बीएसएफ बलों की यात्रा के लिए नहीं था.अमरनाथ यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त को समाप्त होगी. केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रा के संचालन के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कुल 581 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया है. यह घटना 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में हो रही है जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे.