Home Latest News & Updates सड़कों पर स्टंट करने वाले बाइकर खा सकते हैं जेल की हवा, कर्नाटक हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी- बने सख्त कानून

सड़कों पर स्टंट करने वाले बाइकर खा सकते हैं जेल की हवा, कर्नाटक हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी- बने सख्त कानून

by Sanjay Kumar Srivastava
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Bike Stunt

व्हीलिंग एक खतरनाक स्टंट है,जिसमें दोपहिया वाहन चालक गाड़ी चलाते समय आगे का पहिया ऊपर उठा लेते हैं. सड़कों पर स्टंट करते समय युवा बाइकर खुद की जान तो जोखिम में डालते ही हैं, राह चलते अन्य लोगों के लिए भी खतरा बन जाते हैं.

Bengaluru: बाइक से स्टंट करने वाले सावधान हो जाएं. सड़कों पर स्टंट करने वाले जेल की हवा भी खा सकते हैं. अक्सर देखा जाता है कि सड़कों पर स्टंट करते समय युवा बाइकर खुद की जान तो जोखिम में डालते ही हैं, राह चलते अन्य लोगों के लिए भी खतरा बन जाते हैं. ऐसे स्टंट पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है.कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ‘व्हीलिंग’के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए विशिष्ट कानूनी प्रावधानों की कमी पर गंभीर चिंता जताई है और इसे रोकने के लिए सख्त कानून बनाने का आह्वान किया है. व्हीलिंग एक खतरनाक स्टंट है, जिसमें दोपहिया वाहन चालक गाड़ी चलाते समय आगे का पहिया ऊपर उठा लेते हैं.

वर्तमान कानून ऐसे खतरनाक स्टंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अपर्याप्तः न्यायमूर्ति श्रीशानंद

न्यायमूर्ति वी श्रीशानंद ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मौजूदा कानून इस तरह के व्यवहार को रोकने में कारगर नहीं हैं. वर्तमान में व्हीलिंग करने वाले व्यक्तियों पर केवल लापरवाही या जल्दबाजी में वाहन चलाने से संबंधित प्रावधानों के तहत आरोप लगाया जा सकता है,जो जमानती अपराध है. न्यायमूर्ति श्रीशानंद ने कहा कि ये प्रावधान कानून प्रवर्तन के लिए ऐसे खतरनाक कृत्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अपर्याप्त हैं. उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम को लागू करते समय शायद कानून निर्माताओं ने ऐसी स्थिति की कल्पना नहीं की थी, जहां एक दोपहिया वाहन को केवल पिछले पहिये पर चलाया जाएगा.इस तरह के स्टंट में तेज वृद्धि को देखते हुए न्यायालय ने राज्य से व्हीलिंग को लक्षित करने वाले सख्त कानून बनाने का आह्वान किया.

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युवा बाइकर ऐसे खतरनाक परिणामों से अनजान

न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि के मद्देनजर, राज्य और प्रवर्तन एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे आवश्यक वैधानिक प्रावधान लागू करें और इस खतरनाक प्रवृत्ति को दबाने के लिए कड़े उपाय अपनाएं. न्यायालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि व्हीलिंग का कार्य न केवल सवार और पीछे बैठे यात्रियों के जीवन को खतरे में डालता है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है. न्यायालय ने कहा कि युवा मोटरसाइकिल चालक गलत तरीके से व्हीलिंग को बहादुरी के बराबर समझते हैं, वे जीवन के लिए खतरनाक परिणामों से अनजान हैं. यह लापरवाह व्यवहार सार्वजनिक व्यवस्था और शांति को बाधित करता है. अदालत ने अक्टूबर 2024 में दो सवारों के साथ मोटरसाइकिल पर व्हीलिंग करने के आरोपी एक व्यक्ति द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही.

आरोपी जमानत के लिए उचित अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र

पुलिस ने बताया कि स्टंट के दौरान जब अधिकारियों ने वाहन को रोकने का प्रयास किया तो आरोपी ने कथित तौर पर अधिकारियों को गाली दी. उन्हें चोटें पहुंचाईं और एक पुलिसकर्मी के फोन को नहर में फेंक कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. जबकि आरोपी ने कहा कि पुलिस के साथ व्यक्तिगत विवाद के कारण उसे झूठा फंसाया गया था. इसपर उच्च न्यायालय आश्वस्त नहीं था. न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के इस दावे को भी ध्यान में रखा कि याचिकाकर्ता अपराधी था और घटना के दौरान आक्रामक व्यवहार कर रहा था. अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि केवल आरोप पत्र दाखिल करना, जमानत को उचित नहीं ठहरा सकता है. यदि परिस्थितियों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होता है, तो याचिकाकर्ता जमानत के लिए उचित अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है.

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