Home राजनीति केंद्र सरकार के महंगाई के आंकड़ों पर कांग्रेस का सवाल, बोली- मोदी हैं तो महंगाई है

केंद्र सरकार के महंगाई के आंकड़ों पर कांग्रेस का सवाल, बोली- मोदी हैं तो महंगाई है

by Rashmi Rani
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Jairam Ramesh on PM Modi

Jairam Ramesh on PM Modi: केन्द्र सरकार ने खुदरा और थोक महंगाई को लेकर आंकड़े जारी किए थे, उस पर कांग्रेस ने सवालिया निशान उठाते हुए तंज कसा है.

13 June, 2024

Jairam Ramesh on PM Modi: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद केन्द्र सरकार ने जो महंगाई के आंकड़े जारी किए थे, उससे लगा था कि थोड़ी बहुत ही सही, लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.75% रही. अप्रैल में ये 4.83% थी. लेकिन कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का दावा है कि महंगाई पर सरकार के इस दावे की पोल NSO, यानी नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस के आंकड़े ही खोल देते हैं .

NSO के आंकड़े से केन्द्र पर सवाल

जयराम रमेश ने अपने बयान में NSO के जिन आकड़ों का हवाला दिया है, उसके मुताबिक देश में खाने-पीने की चीजों की महंगाई मई में 8.69% थी. इसमें अप्रैल महीने के मुकाबले (8.70%) मामूली गिरावट ही दर्ज की गई थी. इसे लेकर जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी लिखा. पोस्ट में जयराम रमेश ने तंज कसते हुए नरेन्द्र मोदी को ‘वन थर्ड प्रधानमंत्री’ कहा. जयराम रमेश ने लिखा, ‘पिछले चार महीनों से देश में खाने पीने की चीजों में महंगाई 8.5% से ज्यादा बनी हुई है. दालों की महंगाई दर पिछले एक साल से लगातार दोहरे अंक में – 10% से ज़्यादा है. अकेले मई में ही दालों की कीमतें 17.14% तक बढ़ी’

‘मोदी से महंगाई नहीं होगी कंट्रोल’

जयराम रमेश ने ये भी लिखा कि, ‘कांग्रेस के न्याय पत्र में महंगाई और खास तौर से दालों की समस्या के समाधान के लिए दो उपाय करने का वादा किया था. पहला स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले द्वारा निर्धारित मूल्य के साथ दालों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और दूसरा पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम) में दालों को शामिल करना, ताकि गरीबों के खाने में दाल से मिलने वाले प्रोटीन की मात्रा बढ़े. लेकिन लगता है कि तीसरी बार देश के पीएम बने नरेन्द्र मोदी के पास इसका कोई समाधान नहीं.’

ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा महंगाई अधिक

कांग्रेस मई में मुद्रास्फीति आंकड़ों को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आकड़ों जरिए सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है. NSO के आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर कम गिरी है. शहरों में मुद्रास्फीति 4.15% है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति 5.28% से अधिक है. हालांकि केन्द्र सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि CPI मुद्रास्फीति 2% के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे.

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