लंबित बकाया राशि सड़क निर्माण व मरम्मत, भवन मरम्मत, सरकार के लिए किए गए राहत और पुनर्वास जैसे विकास कार्यों से संबंधित है.
Mumbai: महाराष्ट्र में ठेकेदारों ने फड़नवीस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ठेकेदारों का कहना है कि जब तक उनके बकाए 89 हजार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर दिया जाता है, तब तक वे सरकार की किसी भी परियोजना पर काम नहीं करेंगे. महाराष्ट्र सरकार की परियोजनाओं पर काम कर रहे ठेकेदारों ने दावा किया है कि एक साल से अधिक समय से 89,000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बकाया राशि जल्द जारी करने की मांग की है. महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार महासंघ के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने पीटीआई को बताया कि इतने लंबे समय से बकाया राशि के भुगतान से जूझ रहे ठेकेदारों ने शुक्रवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और 30 जिला कलेक्टरों को बकाया राशि के जल्द भुगतान के लिए अपील की गई.
पांच लाख ठेकेदारों के फंसे हैं पैसे
भोसले ने कहा कि महासंघ, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और महाराष्ट्र राज्य इंजीनियर्स फोरम सहित कुल तीन निकायों ने संयुक्त रूप से प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने पीटीआई को बताया कि लंबित बकाया राशि सड़क निर्माण और मरम्मत, भवन मरम्मत और सरकार के लिए किए गए राहत और पुनर्वास कार्य जैसे विकास कार्यों से संबंधित है. उन्होंने कहा कि बकाया राशि पिछले जुलाई से लंबित है. भोसले ने कहा कि कुल पांच लाख ठेकेदारों को काम पूरा करने के बाद भी वादा किए गए भुगतान नहीं मिले हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक ठेकेदार या इकाई स्तर पर बकाया राशि एक लाख रुपये से लेकर 20 करोड़ रुपये तक है. भोसले ने कहा कि इससे हम सभी पर बहुत तनाव बढ़ रहा है. हम अपने आपूर्तिकर्ताओं और कर्मचारियों को भुगतान नहीं कर पाए हैं, जिससे राज्य में समग्र आर्थिक विकास पर असर पड़ना तय है.
कहा- जब पैसे नहीं थे तो काम क्यों कराया
ठेकेदार कई महीनों से अपने बकाए के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन मार्च में वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले केवल 5 प्रतिशत बकाया जारी किया गया था. वित्त वर्ष 24 में, घोषित विकास कार्यों की मात्रा में 10 गुना वृद्धि हुई थी. भोसले ने कहा कि अक्टूबर 2024 में चुनाव होने हैं, इसलिए कार्य आदेश जारी करने के साथ ही इसका पालन भी किया गया. भोसले ने कहा कि एक बजट और दो अनुपूरक मांगें प्रस्तुत की गई हैं, लेकिन हमारा बकाया लंबित है. उन्होंने आश्चर्य जताया कि अगर वित्तीय क्षमता नहीं थी तो कार्यों का आदेश क्यों दिया गया. उन्होंने कहा कि आमतौर पर, भुगतान हर तिमाही के अंत में किए जाने वाले प्रत्येक कार्य के मामले में जारी किया जाना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इसका पालन नहीं किया गया है.
भुगतान न होने से आर्थिक संकटः भोसले
भोसले ने कहा कि ठेकेदारों के बकाए का भुगतान न किए जाने के बावजूद, लड़की बहिन योजना जैसे अन्य लोकलुभावन खर्च नियमित रूप से जारी हैं. वित्त वर्ष 2026 के बजट में राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ठेकेदार और छोटे उद्यम महाराष्ट्र में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र हैं. प्रत्येक इकाई से दर्जनों लोग जुड़े हुए हैं और हमें भुगतान नहीं करने से गहरा आर्थिक प्रभाव पड़ेगा. भोसले ने कहा कि संघों ने गिरीश महाजन जैसे कुछ मंत्रियों से मुलाकात की है. कुछ समय से मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मिलने का प्रयास किया है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है.
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