दिल्ली सरकार ने यमुना के बाढ़ के मैदानों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. खबर है कि नवंबर महीने तक इस अतिक्रमण को हटाया जाएगा.
Delhi Government on Yamuna Encroachment: यमुना के बाढ़ के मैदानों से अतिक्रमण हटाने के लिए दिल्ली सरकार एक्शन मोड में है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने एजेंसियों को यमुना के बाढ़ के मैदानों से नवंबर तक सभी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है जिसकी जानकारी शनिवार को अधिकारियों ने दी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा स्वीकृत इस योजना पर हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि इसमें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आईएंडएफसी) विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) सहित प्रमुख विभाग और एजेंसियां शामिल हैं. योजना के अनुसार, डीडीए को नवंबर तक यमुना के बाढ़ के मैदानों से जहां भी आवश्यक हो, अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है. एजेंसी ने पहले भी नदी के किनारे अवैध नर्सरी और अन्य अनधिकृत संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई की है.
अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी, उत्तर-पूर्व और दक्षिणी दिल्ली के बाढ़ के मैदानों से कचरा डंपिंग, अनधिकृत आवास और अवैध खेती सहित अतिक्रमण की खबरें आम हैं. हाल के वर्षों में, डीडीए ने 224 एकड़ बाढ़ के मैदान की भूमि को पुनः प्राप्त किया है और पूर्वी दिल्ली में असिता जैसे सार्वजनिक हरित क्षेत्र विकसित किए हैं. डीडीए ने अप्रैल में राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया कि उसने वजीराबाद बैराज और आईएसबीटी कश्मीरी गेट के बीच यमुना वनस्थली परियोजना के तहत 24 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है. हालांकि, अधिकारियों ने स्वीकार किया कि अतिक्रमण विरोधी अभियान को अक्सर अवैध निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ता है और बाढ़ के मैदान क्षेत्रों के उचित सीमांकन की अनुपस्थिति में बाधा उत्पन्न होती है. पिछले साल डीडीए के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया था कि हाल के वर्षों में दिल्ली में यमुना के बाढ़ के मैदान की दो-तिहाई भूमि पर अतिक्रमण किया गया है.
दिए गए हैं सभी जरूरी निर्देश
कार्य योजना में एजेंसियों को यमुना में बहने वाले नालों से सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाने के निर्देश भी शामिल हैं. एमसीडी, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और डीडीए को एक केंद्रित अभियान के माध्यम से सभी वर्षा जल नालों से अतिक्रमण हटाने का काम सौंपा गया है, जबकि एमसीडी और आईएंडएफसी विभाग नाले के संरेखण के साथ अतिक्रमण को दूर करेंगे. यमुना पुनरुद्धार से संबंधित चल रही और नई परियोजनाओं को दस कार्य शीर्षकों के अंतर्गत समेकित किया गया है, जिसमें नालियां, सीवेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पारिस्थितिकी प्रवाह वृद्धि और प्रवर्तन शामिल हैं, जिनकी समय-सीमाएं तय की गई हैं. यमुना दिल्ली से होकर 52 किलोमीटर तक बहती है, जिसमें से वजीराबाद और ओखला के बीच का 22 किलोमीटर का हिस्सा सबसे प्रदूषित है और नियोजन और नीतिगत पहलों का मुख्य केंद्र है.
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