उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में भीषण गर्मी के बीच 1,030 तालाब बनाए गए हैं. इस खास उबल्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है.
Lakhimpur Kheri: उत्तर भारत में गर्मी का टॉर्चर जारी है. गर्मी का सितम ऐसा है कि कई जगहों पर पानी की किल्लत देखी जा रही है. यूं तो कई जगहों पर मॉनसून की दस्तक राहत साबित हुई है लेकिन अभी भी कई जगहों पर उमस ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. गर्मियों में अक्सर पानी के संरक्षण को लेकर कई खबरें सामने आती हैं जो समाज को प्रेरित करती हैं. ऐसी ही एक खबर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से सामने आई है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले ने एक महीने में 1,030 तालाब बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि यह “शानदार उपलब्धि” ‘हर गांव तालाब अभियान’ के तहत हासिल की गई है. ये विकास विभाग की जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू की गई एक विशेष पहल है.
क्या बोले सीडीओ?
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक कुमार ने कहा, “हर गांव में तालाब अभियान न केवल जल संरक्षण की पहल है, बल्कि इसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति देने का काम किया है.” बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित सम्मान समारोह में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के जज प्रमिल द्विवेदी ने प्रशासन और ग्रामीणों के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए खीरी की जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) दुर्गा शक्ति नागपाल और सीडीओ कुमार को प्रमाण पत्र और पदक देकर सम्मानित भी किया गया. नागपाल ने इस उपलब्धि के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “जिला प्रशासन के लिए यह सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि जल संरक्षण की दिशा में जनभागीदारी से उत्पन्न एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.”
क्या बोलीं डीएम?
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने इस उपलब्धि पर कहा, “एक महीने में 1,000 से अधिक तालाब खोदने का लक्ष्य पूरा किया और वह भी इस संकल्प के साथ कि पहली बारिश से पहले हर तालाब तैयार हो जाना चाहिए”. डीएम ने सीडीओ को उनके “पूर्ण समर्पण और नेतृत्व” के लिए श्रेय दिया, जिन्होंने अभियान को “मिशन मोड” में बदल दिया. अभियान के तहत 70 से 80 तालाब प्रत्येक ब्लॉक में खोदे गए, जिससे लगभग 700 एकड़ भूमि जल संरक्षण क्षेत्रों में परिवर्तित हो गई. गर्मी से बदतर होते हालात और पानी की किल्लत के बीच ये खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल है. सोशल मीडिया यूजर्स ने इस खबर पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया और कहा कि ऐसी पहल उत्तर प्रदेश के हर जिले में शुरू की जानी चाहिए.
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