Iran-Israel Ceasefire: 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद शुरू हुआ यह संघर्ष मध्य पूर्व के लिए बड़े खतरे का सबब बन गया था.
Iran-Israel Ceasefire: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चले तनावपूर्ण युद्ध के बाद लागू हुए सीजफायर ने मध्य पूर्व में राहत की लहर दौड़ा दी है. दोनों देशों ने अपने-अपने एयरस्पेस को फिर से खोल दिया है, और इजरायल ने अपने यहां लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटा लिया है. इस युद्धविराम में अमेरिका और कतर की मध्यस्थता ने अहम भूमिका निभाई, जिसके बाद क्षेत्र में उड़ानों और सामान्य गतिविधियों की बहाली शुरू हो गई है.
13 जून को शुरू हुआ था संघर्ष
13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद शुरू हुआ यह संघर्ष मध्य पूर्व के लिए बड़े खतरे का सबब बन गया था. ईरान ने जवाबी कार्रवाई में सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे, जिसके चलते ईरान, इराक, जॉर्डन, सीरिया और इजरायल सहित कई देशों ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए थे. इससे हजारों यात्री फंस गए, और वैश्विक उड्डयन उद्योग को भारी नुकसान हुआ. बेन गुरियन हवाई अड्डा, इजरायल का प्रमुख हवाई अड्डा, कई दिनों तक बंद रहा, जिससे करीब 40,000 पर्यटक और 100,000 से अधिक इजरायली विदेश में फंसे रहे.
डोनाल्ड ट्रंप ने किया था हस्तक्षेप
23 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि ईरान और इजरायल के बीच “पूर्ण और संपूर्ण” युद्धविराम पर सहमति बन गई है. इसे उन्होंने “12 दिन का युद्ध” करार दिया, जिसे क्षेत्र के लिए विनाशकारी होने से रोक लिया गया. हालांकि, सीजफायर के तुरंत बाद इजरायल ने ईरान पर नए हमलों का आरोप लगाया, जिसे ईरान ने खारिज कर दिया. इस तनाव के बावजूद, दोनों देशों ने युद्धविराम का सम्मान करते हुए अपने एयरस्पेस खोलने का फैसला किया.
ईरान ने अपने एयरस्पेस को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए खोल दिया
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी नूरन्यूज ने बताया कि मंगलवार को ईरान ने अपने एयरस्पेस को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए खोल दिया. इराक ने भी 13 जून से बंद अपने एयरस्पेस को फिर से खोल दिया. इजरायल ने भी मंगलवार को बेन गुरियन और हाइफा हवाई अड्डों पर सभी उड़ानों को बहाल कर दिया, साथ ही यात्रियों और सार्वजनिक परिवहन पर लगे प्रतिबंध हटा लिए. कतर, बहरीन और कुवैत ने भी अपने एयरस्पेस खोल दिए, जिससे क्षेत्र में उड्डयन गतिविधियां सामान्य होने लगी हैं.
युद्धविराम से वैश्विक बाजारों को भी राहत
इस युद्धविराम ने वैश्विक बाजारों को भी राहत दी. तेल की कीमतें गिर गईं, और शेयर बाजारों में उछाल देखा गया. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्धविराम नाजुक है, क्योंकि दोनों देश एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते. कतर अब गाजा में इजरायल और हमास के बीच भी युद्धविराम की मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहा है.
भारत ने इस स्थिति में संयम और कूटनीति पर जोर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह क्षेत्र में शांति के लिए अपनी भूमिका निभाने को तैयार है. मध्य पूर्व में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए दूतावास सक्रिय है.
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