Iran Islamic Revolution : ईरान और इजरायल के बीच में चले 12 दिनों के संघर्ष में ईरानी कुर्द का कहना है कि खामेनेई प्रशासन देश की राजनीति में कमजोर हो सकता है. हालांकि, ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई का देश और दुनिया में सम्मान बढ़ा है.
Iran Islamic Revolution : 12 दिनों तक चले ईरान और इजरायल के बीच में संघर्ष अब समाप्त हो गया है. ईरानी जनता अब सामान्य जीवन की ओर एक बार फिर लौट रही है. फिलहाल परमाणु संयंत्र को लेकर अभी किसी तरह की सहमति नहीं बनी हैं इसलिए यह कहना सही होगा कि सीजफायर परमानेंट नहीं हुआ है. इसी कड़ी में विदेश से असंतुष्ट ईरानी कुर्द इस बात के संकेतों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं कि ईरान का धर्मतंत्र देश पर अपनी पकड़ में कमी ला सकता है. बता दें कि इजरायल ने 13 जून, 2025 को ईरान पर हमले शुरू किए थे और इसके बाद ईरानी मिसाइलों ने तेल अवीव को निशाना बनाकर हमला शुरू कर दिया. इसी बीच अमेरिका ने संघर्ष में दखल दिया और 30,000 पाउंड के बंकर-बस्टर बमों सहित ईरानी परमाणु स्थलों पर हमला कर दिया, जिसके बाद युद्ध निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया.
भारी दबाव के बीच हुआ सीजफायर
अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दाग दी और इसके बाद लगने लगा मिडिल ईस्ट में युद्ध चरम पर पहुंच गया. हालांकि, चीन और रूस के भारी दबाव और अमेरिकी जनता में सरकार का भरोसा नहीं दिलाने के बीच ट्रंप प्रशासन ने सीजफायर का कराने का फैसला कर लिया. इसी कड़ी में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या युद्ध ने 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान के मौलवी शासन को कमजोर किया है और किस हद तक करने काम किया है. वहीं, ईरानी कुर्द समूहों के एक मुट्ठी भर समूह का भी उग्रवादी इतिहास रहा है. साथ ही इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्द क्षेत्र में एक सुरक्षित स्थान बनाया हुआ है.
इराक में ईरानी कुर्द को कमजोर किया
इराक ने साल 2023 में ईरान के साथ एक समझौता किया था, जिसके बाद इन समूहों को निरस्त्र किया जाएगा और उन्हें ईरान के साथ सीमा क्षेत्रों के पास उनके ठिकानों से हटा दिया जाएगा. वे हमेशा ईरान की सीमा पर एक चुनौती पेश करते रहे हैं. बगदाद ने उनकी सशस्त्र ठिकानों को बंद कर दिया और इराक के भीतर उनकी आवाजाही प्रतिबंधित कर दिया गया. वहीं, इराक में दो प्रमुख ईरानी कुर्द ग्रुप के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी AP को बताया कि वे राजनीतिक रूप से संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ईरान में प्रशासन सत्ता पर अपनी पकड़ खोने की स्थिति में उन्हें दरकिनार न किया जाए. वहीं, जब उनके पूछा गया कि क्या सशस्त्र विद्रोह की तैयारियां कर रहे हैं तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन उसके प्रशासन ने कहा कि यह हमारा लक्ष्य नहीं है. दूसरी तरफ कुछ कुर्दों का कहना है कि फिलहाल के लिए ईरानी सत्ता में किसी भी स्तर पर उथल-पुथल का समय नहीं है.
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