प्रधानमंत्री ने कहा कि 23 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने साइप्रस का दौरा किया है और पहला आयोजन बिजनेस राउंडटेबल मीटिंग के रूप में किया गया है.
Nicosia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में है. उन्होंने साइप्रस की कंपनियों के लिए देश में उपलब्ध असंख्य आर्थिक अवसरों पर प्रकाश डाला. तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में साइप्रस में मौजूद मोदी ने यह टिप्पणी उस समय की जब वे साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ रविवार को साइप्रस के दक्षिणी तट पर स्थित शहर लिमासोल में एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए. प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में भारत के तेजी से आर्थिक परिवर्तन पर प्रकाश डाला और कहा कि अगली पीढ़ी के सुधारों, नीतिगत पूर्वानुमान, स्थिर राजनीति और व्यापार करने में आसानी से प्रेरित देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है.
साइप्रस की कंपनियों के लिए भारत में काफी अवसर
नवाचार, डिजिटल क्रांति, स्टार्ट-अप और भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास को दी जा रही प्राथमिकता पर जोर देते हुए मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में है. भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. भारत सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. हमने कर सुधार, माल और सेवा कर, युक्तिसंगत कॉर्पोरेट कर, गैर-अपराधीकरण कानूनों को लागू किया है. व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ ‘व्यापार करने के भरोसे’ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि भारत में साइप्रस की कंपनियों के लिए असंख्य अवसर हैं.
दुनिया के लगभग 50% डिजिटल लेन-देन भारत में
प्रधानमंत्री ने कहा कि 23 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने साइप्रस का दौरा किया है और पहला आयोजन बिजनेस राउंडटेबल मीटिंग के रूप में किया गया है. यह भारत-साइप्रस संबंधों में बिजनेस लीडर्स के महत्व को दर्शाता है. उन्होंने भारत की कुशल प्रतिभा और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की ताकत को भी रेखांकित किया. उन्होंने विनिर्माण, एआई, क्वांटम, सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण खनिजों को भारत की विकास कहानी में योगदान देने वाले नए और उभरते क्षेत्रों के रूप में उजागर किया. कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में डिजिटल क्रांति हुई है. दुनिया के लगभग 50 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन भारत में होते हैं, जिसका श्रेय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई को जाता है. फ्रांस जैसे देश इससे जुड़े हुए हैं और इसके लिए साइप्रस के साथ बातचीत भी चल रही है. मैं इस कदम का स्वागत करता हूं.
भारत का महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है साइप्रस
मोदी ने कहा कि साइप्रस भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है. मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में विकास की अपार संभावनाओं पर बात की. उन्होंने कहा कि साइप्रस लंबे समय से भारत का एक विश्वसनीय साझेदार रहा है. मोदी ने साइप्रस को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बताया और कहा कि भारत भी गंतव्य विकास और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. मोदी और निकोस ने साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज गिफ्ट सिटी गुजरात के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया. एनआईपीएल (एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड) और यूरोबैंक साइप्रस ने दोनों देशों के बीच सीमा पार भुगतान के लिए यूपीआई शुरू करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे पर्यटकों और व्यवसायों को लाभ होगा.
भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंध होंगे और मजबूत
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य का स्वागत किया कि अनेक भारतीय कंपनियां साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार तथा आईटी सेवाओं, वित्तीय प्रबंधन और पर्यटन के केंद्र के रूप में देखती हैं. चूंकि साइप्रस अगले वर्ष यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है, इसलिए दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और साइप्रस गतिशील और पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक सहयोग के एक नए युग के लिए तैयार हैं. गोलमेज सम्मेलन में बैंकिंग, वित्तीय संस्थान, विनिर्माण, रक्षा, लॉजिस्टिक्स, समुद्री, शिपिंग, प्रौद्योगिकी, नवाचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, एआई, आईटी सेवाएं, पर्यटन और गतिशीलता जैसे विविध क्षेत्रों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा! मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति निकोस के साथ भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि नवाचार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं.
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