Congress Attack on Adani Group : अदाणी ग्रुप की तरफ से वित्तीय लेन-देन के मामलों के लेकर कांग्रेस ने हमला किया है. पार्टी ने कहा कि हैवन टैक्स की तरफ से दी गई जानकारी SEBI ने साझा नहीं की.
Congress Attack on Adani Group : वित्तीय लेनदेने में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर अदाणी ग्रुप पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि अदाणी घोटाले से जुड़े लेन-देन के बारे में हैवन टैक्स से जुड़े देशों की तरफ से दी जानकारी को SEBI ने साझा नहीं किया. पार्टी ने यह भी कहा कि भारत की तरफ से दबाव नहीं डालने की वजह से जांच बाधित हुई है. विपक्षी पार्टी की तरफ से यह दावा प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा के बीच आया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री कनाडा जाने के लिए साइप्रस में मौजूद हैं, वहां पर हमें यह विश्वास दिलाना चाहेंगे कि यह महज संयोग है कि मोदी अदाणी घोटाले में आरोपित एक व्यक्ति के पास साइप्रस की नागरिकता है.
भारत सरकार ने नहीं डाला दबाव
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि साइप्रस स्थित फंड न्यू लीना के पास कथित तौर पर अदाणी कंपनियों में करीब 420 मिलियन अमेरिकी डॉलर हैं. रमेश ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा कि इस फंड के अंतिम लाभकारी मालिक एमिकोर्प से जुड़े हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि इसने कम से कम 7 अदाणी प्रमोटर इकाइयां विनोद अदाणी से जुड़ी सत्रह ऑफशोर शेल कंपनियां और अडाणी ग्रुप के शेयरों में तीन मॉरीशस स्थित ऑफशोर निवेशक स्थापित किए हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह सब लेनदेन सेबी की जांच का हिस्सा है, जो इन टैक्स हैवन द्वारा वित्तीय जानकारी साझा न करने और भारत सरकार की तरफ से दबाव नहीं डालने की वजह से बाधित हुआ है. फिलहाल कांग्रेस के दावों पर अदाणी ग्रुप की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. हालांकि, ग्रुप ने कांग्रेस और उनसे जुड़े लोगों द्वारा आरोपों का खंडन किया है.
अदाणी ग्रुप ने किया आरोपों को खारिज
कांग्रेस अब केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रही है, लेकिन अदाणी ग्रुप लगातार इन आरोपों का खंडन कर रहा है. ग्रुप ने कहा कि हम सभी कानूनों का पालन करते हैं. बता दें कि साइप्रस को भारत का एक विश्वसनीय साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं. तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के दौरान यह टिप्पणी की है. आपको बताते चलें कि 1950 के दशक में साइप्रस को स्वतंत्रता मिली थी और उसके बाद से ही वह हमारा प्रमुख साझेदार देश है.
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