कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि दुनिया ने एक बार फिर एकतरफा युद्ध के खतरनाक परिणामों को देखा है. जब इजरायल ने ईरान और उसकी संप्रभुता के खिलाफ एकतरफा हमला किया.
New Delhi: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को गाजा की तबाही और ईरान-इजरायल युद्ध पर भारत की चुप्पी पर मोदी पर हमला बोला है. सोनिया गांधी ने पश्चिम एशिया में विनाशकारी रास्ते पर चलने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी आलोचना की. कांग्रेस नेता ने ‘द हिंदू’ में अपने लेख में कहा कि गाजा में हुई तबाही और अब ईरान के खिलाफ बिना उकसावे के बढ़ते तनाव पर नई दिल्ली की चुप्पी हमारी नैतिक और कूटनीतिक विफलताओं को दर्शाती है. अभी भी बहुत देर नहीं हुई है. भारत को स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए, जिम्मेदारी से काम करना चाहिए.
इजरायल का ईरान पर एकतरफा हमला
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि दुनिया ने एक बार फिर एकतरफा युद्ध के खतरनाक परिणामों को देखा है. जब इजरायल ने ईरान और उसकी संप्रभुता के खिलाफ एकतरफा हमला किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ईरानी धरती पर इन बम विस्फोटों और हत्याओं की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इज़राइल ने अपने ऑपरेशन को नागरिकों की जान और क्षेत्रीय स्थिरता की पूरी तरह अनदेखी करते हुए अंजाम दिया. ये कार्रवाइयां केवल अस्थिरता को बढ़ाएंगी और आगे संघर्ष के बीज बोएंगी. गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में मौजूदा इज़रायली नेतृत्व का शांति को कमजोर करने और चरमपंथ को बढ़ावा देने का एक लंबा और दुर्भाग्यपूर्ण रिकॉर्ड है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भी आलोचना
उन्होंने आरोप लगाया कि रिकॉर्ड को देखते हुए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि नेतन्याहू ने बातचीत के बजाय तनाव को बढ़ाना चुना. अमेरिकी राष्ट्रपति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 17 जून को ट्रंप का बयान जिसमें उन्होंने अपने ही खुफिया प्रमुख के आकलन को खारिज कर दिया और दावा किया कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के बहुत करीब है, बेहद निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि दुनिया को ऐसे नेतृत्व की उम्मीद है और इसकी जरूरत है जो तथ्यों पर आधारित हो और कूटनीति से प्रेरित हो, न कि बल या झूठ से. सोनिया गांधी ने कहा कि ईरान भारत का पुराना मित्र रहा है और हमारे साथ गहरे सभ्यतागत संबंधों से बंधा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर समेत महत्वपूर्ण मोड़ों पर इसका दृढ़ समर्थन करने का इतिहास रहा है. 1994 में ईरान ने कश्मीर मुद्दे पर मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र आयोग में भारत की आलोचना करने वाले प्रस्ताव को रोकने में मदद की थी.
भारत का सहयोगी रहा है ईरान
उन्होंने कहा कि ईरान भारत के साथ बहुत अधिक सहयोगी रहा है. हाल के दशकों में भारत-इजरायल के रणनीतिक संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय भारत को शांति के लिए सेतु के रूप में कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा किए गए हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा करती है. हम इजरायल के सामने चुप नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि गाजा हमले में पूरे परिवार, मोहल्ले और यहां तक कि अस्पताल भी नष्ट हो गए हैं. गाजा अकाल के कगार पर खड़ा है. उसके नागरिक भारी कठिनाई झेल रहे हैं.
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