सीएम सुक्खू ने मादक पदार्थों की तस्करी में पुलिस कर्मियों सहित सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पर गंभीर चिंता व्यक्त की.
Shimla: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा कि पुलिस कर्मियों के मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने की खबरों के बीच राज्य सरकार पुलिस बल के भीतर अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मैनुअल में संशोधन करने पर विचार कर रही है. ‘एक साथ हम नशे को हराएंगे’ विषय पर राज्य पुलिस द्वारा आयोजित 12वीं हाफ मैराथन के विजेताओं को सम्मानित करते हुए सुक्खू ने मादक पदार्थों से संबंधित गतिविधियों में पुलिस कर्मियों सहित सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पर गंभीर चिंता व्यक्त की. एक आधिकारिक बयान के अनुसार सुक्खू ने कहा कि कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे 80 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ पहले ही सख्त कार्रवाई की जा चुकी है.
पुलिस विभाग में भरे जाएंगे 500 नए पद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बड़े पैमाने पर नशा विरोधी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें लक्षित हस्तक्षेप की सुविधा के लिए पंचायत वार्ड स्तर पर मानचित्रण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन किया जा रहा है और भर्ती प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पुलिस विभाग में 500 नए पद भरे जाएंगे. सुखू ने कहा कि युवा राष्ट्र का भविष्य हैं और उन्हें नशे के खतरे से बचाना सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रति सरकार की शून्य-सहिष्णुता नीति को दोहराया. उन्होंने कहा कि सरकार सख्त प्रवर्तन और पीड़ितों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण की दोहरी रणनीति के साथ काम कर रही है.
नशे से दूर रहने की दिलाई शपथ
कहा कि हाल ही में पारित हिमाचल प्रदेश नशा विरोधी अधिनियम अपराधियों और पीड़ितों के बीच अंतर करता है और इसका उद्देश्य नशा करने वालों का पुनर्वास करना है. इससे पहले, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने हाफ मैराथन को हरी झंडी दिखाई और इस बात पर जोर दिया कि अभियान हर घर तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने पुलिस विभाग की प्रतिबद्धता की सराहना की और प्रतिभागियों को नशीले पदार्थों से दूर रहने की शपथ दिलाई. मैराथन में चार श्रेणियां थीं – हाफ मैराथन, मिनी मैराथन, ड्रीम रन और दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए एक विशेष दौड़. हाफ मैराथन के विजेता को 51,000 रुपये का पुरस्कार दिया गया. राज्यपाल ने राज्य पुलिस द्वारा एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और नशा विरोधी अभियान के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए ‘हस्ताक्षर बोर्ड’ पर हस्ताक्षर किए.
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