हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश जारी है. कई मार्गों पर आवाजाही बंद कर दी गई है. मौसम विभाग ने भी डराने वाली भविष्यवाणी की है.
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में रात भर हुई बारिश के बाद पटरियों पर पत्थर और पेड़ गिरने से शिमला-कालका रेल लाइन पर रविवार को सेवाएं स्थगित कर दी गईं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की वजह से घंटों यातायात बाधित रहा. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सोलन के बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में एक पुल बह गया. शिमला और चंडीगढ़ को जोड़ने वाले शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) पर कोटी के पास भूस्खलन से सड़क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे दो से तीन किलोमीटर लंबा यातायात घंटों तक जाम रहा. सोलन के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) गौरव सिंह ने रविवार को कहा कि एनएच 5 पर चक्की मोड़ के पास दोतरफा यातायात बहाल कर दिया गया है, जो भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था और पुलिस दल यातायात की आवाजाही में मदद कर रहे हैं
गुस्सा जाहिर कर रहे यात्री
सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) गौरव सिंह ने बताया कि मलबे के कारण जंगेशु मार्ग से होकर जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी बंद है, जिसे साफ किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मलबे के साफ होने के बाद कसौली से चंडीगढ़ की ओर जाने वाले यातायात को जंगेशु मार्ग से भेजा जाएगा. यूनेस्को की विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन पर रविवार को भारी बारिश के बाद सोलन के कोटी क्षेत्र के पास ट्रैक पर पत्थर और पेड़ गिरने से रेल सेवा बाधित रही. अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत का काम चल रहा है. सुबह आने वाली पहली ट्रेन कोटी रेलवे स्टेशन पर फंसी हुई है, जबकि अन्य ट्रेनें गुम्मन और कालका में रुकी हुई हैं. घंटों इंतजार कर रहे यात्रियों के वीडियो भी ऑनलाइन सामने आ रहे हैं, जिसमें वे अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. कोटी ही नहीं बल्कि शिमला तक कई जगहों पर पत्थर, पेड़ और मलबा गिरा है. सोलन जिले के बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में ट्रक यूनियन के पास हिमुडा कॉम्प्लेक्स की ओर जाने वाली सड़क पर बना पुल बह गया है और हिमुडा कॉम्प्लेक्स मंधाला और बग्गुवाला की ओर जाने वाली सड़क बंद हो गई है. जिले के बद्दी क्षेत्र में झाड़माजरी के पास बाल्ड नदी उफान पर है और भयंकर रूप ले रही है. लगातार कई घंटों से हो रही बारिश के कारण आसपास के इलाकों में नुकसान का खतरा मंडरा रहा है. बद्दी औद्योगिक क्षेत्र के झाड़माजरी के शिवालिक नगर में 20 से अधिक घरों में चार फीट तक पानी घुसने की खबर है.
क्यों होती है हर साल ये समस्या?
खबर है कि उचित जल निकासी न होने के कारण बारिश के दौरान यह समस्या हर साल होती है. स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी प्रशासन को दी है. इस बीच, मंडी की जूनी खड्ड और ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ गया है और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है. लारजी बांध में प्री-मानसून फ्लशिंग के कारण रविवार सुबह पंडोह बांध के सभी पांच स्पिलवे गेट खोल दिए गए, जिससे ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ गया. भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकारियों ने बताया कि ब्यास नदी में करीब 44,000 क्यूसेक पानी बह रहा है, गाद का स्तर बढ़कर 4,000 पीपीएम हो गया है और बग्गी सुरंग को फिलहाल बंद कर दिया गया है, जिसके कारण देहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. शनिवार शाम से जोगिंदरनगर में 135 मिमी बारिश हुई, इसके बाद कसौली में 125 मिमी, हाहू में 119.5 मिमी, पावंटा साहिब में 116.8 मिमी, बिजाही में 102 मिमी, सुंदरनगर में 96 मिमी, घाघस में 92 मिमी, शिमला में 91 मिमी, कुफरी में 89 मिमी, बिलापुर में 86.6 मिमी और सोलन में 85.6 मिमी बारिश हुई. इस बीच, धरमपुर में 84.2 मिमी, सुजानपुर टीरा में 79.8 मिमी, पंडोह में 68 मिमी, नगरोटा सूरियां में 65.2 मिमी, चौपाल में 60 मिमी, गोहर और मुरारी देवी में 60-60 मिमी, कांगड़ा में 53.8 मिमी और जट्टन बैराज में 51 मिमी बारिश दर्ज की गई. स्थानीय मौसम विभाग ने सोमवार को राज्य के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और 5 जुलाई तक राज्य में बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है. इसने सोमवार तक 10 जिलों – बिलापुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना – के कुछ हिस्सों में मध्यम से उच्च बाढ़ के खतरे की भी चेतावनी दी है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, 20 जून को राज्य में मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में 17 लोगों की जान चली गई है, जबकि चार लोग लापता हैं.
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